हिंदू संगठनों द्वारा छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) से मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। हाल ही में इसी मुद्दे को लेकर प्रदर्शनों के बाद नागपुर में हिंसा भड़क गई थी। इस बीच, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि औरंगजेब की कब्र हटाने से कोई समाधान नहीं निकलेगा, बल्कि वहां पर छत्रपति संभाजी महाराज का एक भव्य स्मारक बनाया जाना चाहिए।
रामदास आठवले का बयान
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “औरंगजेब की कब्र हटाने का कोई फायदा नहीं है। वह पुरातत्व विभाग के तहत है और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। लेकिन संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी महाराज का एक बड़ा स्मारक जरूर बनना चाहिए, ताकि उनकी वीरता और योगदान को सम्मान दिया जा सके।”
मुस्लिम समाज से अपील
रामदास आठवले ने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा, “आप औरंगजेब से अपना नाता मत जोड़िए। भारत के मुसलमान औरंगजेब की औलाद नहीं हैं, वे इसी देश के मूल निवासी हैं। हमें इतिहास से सीख लेकर देश में शांति बनाए रखनी चाहिए।”
औरंगजेब का विवादित इतिहास
मुगल बादशाह औरंगजेब (1658-1707 ई.) का शासनकाल हमेशा विवादों में रहा है। इतिहास में उनकी नीतियों, धार्मिक असहिष्णुता, और अपने पिता व भाइयों के प्रति किए गए क्रूर व्यवहार के लिए उनकी आलोचना होती रही है। हाल ही में फिल्म ‘छावा’ की रिलीज़ के बाद औरंगजेब को लेकर नाराजगी और बढ़ गई है, जिससे उनकी कब्र हटाने की मांग तेज हो गई है।
क्या आगे होगा?
छत्रपति संभाजीनगर के पास खुल्दाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हालांकि, सरकार की ओर से इसे हटाने को लेकर कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है। लेकिन हिंदू संगठनों की मांग के बीच यह मामला आने वाले समय में और तूल पकड़ सकता है।