Cyclone Remal: बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव अब चक्रवात ‘रेमल’ में बदल गया है। इसके रविवार (16 मई) देर रात पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच तट से टकराने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, इस प्री-मॉनसून सीजन में बंगाल की खाड़ी में यह पहला चक्रवाती तूफान है। चक्रवात रामल के कारण दक्षिण 24 परगना में सियालदह और नामखाना, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में काकद्वीप, सियालदह-हसनाबाद के बीच चलने वाली ट्रेन सेवाएं सोमवार तक निलंबित कर दी गई हैं।
यहां भारी बारिश हो सकती है
पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में 26-27 मई को भारी बारिश होने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में 27-28 मई के दौरान भारी बारिश हो सकती है। जब कोई तूफ़ान तट से टकराता है, तो 1.5 मीटर तक ऊँची लहरें उत्पन्न हो सकती हैं। इससे तटीय पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है. 26 और 27 मई को पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों के तटीय जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा कोलकाता एयरपोर्ट ने चक्रवात रामल के मद्देनजर रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान सेवाएं बंद करने का फैसला किया है।
राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम तैनात
भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) ने चक्रवात रामल की तैयारी के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। समुद्र में संभावित जानमाल के नुकसान को कम करने के लिए राहत और बचाव दल तैनात किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ‘एनडीआरएफ की नौ टीमों को हल्दिया, पारादीप, गोपालपुर और फ्रेजरगंज सहित स्थानों पर तैनात किया गया है, जो आपात स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं।’
बंगाल के इस जिले में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने कोलकाता, हावड़ा, नादिया और पूर्वी मेदिनीपुर जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में अगले दो दिनों के दौरान एक-दो स्थानों पर 80 से 90 किमी प्रति घंटे से लेकर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.