जम्मू, 7 दिसंबर (हि.स.)। मिशन स्टेटहुड के अध्यक्ष सुनील डिंपल ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों की निंदा करते हुए जानीपुर हाई कोर्ट रोड पर एक उग्र विरोध रैली का नेतृत्व किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के पुतले जलाए, मंदिरों पर हमलों और इन क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के खिलाफ नारे लगाए।
रैली को संबोधित करते हुए डिंपल ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण की तत्काल रिहाई की मांग की जिन्हें कथित तौर पर बांग्लादेशी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदुओं को गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है जिसमें हत्याएं, मंदिरों को नष्ट करना और व्यवसायों और घरों को तोड़ना चिंताजनक रूप से लगातार हो रहा है।
डिंपल ने पाकिस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके), गिलगित-बाल्टिस्तान और अपनी सीमाओं के भीतर मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया जिसमें जबरन धर्मांतरण, बलात्कार और अल्पसंख्यक समुदायों के उत्पीड़न जैसे अत्याचारों का दावा किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान से आज़ादी और भारत के साथ फिर से जुड़ना चाहते हैं।
जम्मू और कश्मीर में रोहिंग्याओं की मौजूदगी की तीखी आलोचना करते हुए डिंपल ने उन्हें सुरक्षा के लिए ख़तरा बताया और उन्हें वापस भेजने की मांग की। उन्होंने तस्करी, मानव तस्करी और पाकिस्तान के लिए मुखबिर के तौर पर काम करने सहित अवैध गतिविधियों में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाया।
डिंपल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान को आज़ाद कराने और उन्हें भारतीय संप्रभुता के अधीन लाने के प्रयासों में तेज़ी लाने की अपील की। उन्होंने पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई को हिंदुओं और सिखों के खिलाफ़ मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करने की चेतावनी देते हुए कहा कि भारत ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।