सिराेही, 14 नवंबर (हि.स.)। आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने शिव संजीवनी हर्बल काढ़ा डिपार्टमेंट का शुभारंभ किया। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर और शिला पट्टिका का अनावरण कर हर्बल डिपार्टमेंट के नए भवन की नींव रखी और आशीर्वचन दिए।
इस मौके पर हर्बल डिपार्टमेंट के मार्गदर्शक वरिष्ठ राजयोगी सूरज भाई ने कहा कि आज दुनिया में जिस तेजी से बीमारियां बढ़ रही हैं ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए हमें फिर से प्रकृति की ओर लौटना पड़ेगा। हर्बल चाय, हर्बल काढ़ा और हर्बल जूस से अनेक तरह की बीमारियां ठीक होंगी। इसे पीने से शरीर में अनेक प्रकार के लाभ होते हैं। आज के समय में पेड़ पौधों की पत्तियां और फूल ही हैं जिनमें किसी तरह के रासायनिक केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है। तन को स्वस्थ रखने के लिए सभी हर्बल काढ़ा पीए और मन को स्वस्थ रखने के लिए काढ़ा पीए। दादी की निज सचिव राजयोगिनी लीला दीदी ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि अब शांतिवन में विधिवत हर्बल डिपार्टमेंट शुरू हुआ है। इससे सभी भाई बहनों को बहुत लाभ मिलेगा। आयुर्वेद तो हमारी प्राचीन पद्धति रही है अब फिर से उस तरफ लौटने और जानने का समय आ गया है। हम जितना प्राकृतिक चीजों का उपयोग करेंगे, जड़ी – बूटियों का उपयोग करेंगे उतना स्वस्थ रहेंगे।
हर्बल डिपार्टमेंट की नींव रखने वाले बीके पानमल भाई ने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे संतु निरामया के पावन लक्ष्य के साथ हर्बल जूस और काढ़ा बनाने की नींव बहुत ही छोटे स्तर पर रखी गई थी। शुरू से मन में यही संकल्प था कि जो भी भाई बहिन परमात्मा के घर आएं तो सभी स्वस्थ और निरोगी रहें। जब लोग हर्बल काढ़ा पीकर अनेक तरह की बीमारियां से ठीक होते हैं तो मन को आत्मिक खुशी होती है। रोजाना 300 से 400 लीटर काढ़ा तैयार किया जाता है। अब तक पांच लाख से अधिक लोग इसका सेवन कर लाभ ले चुके हैं। आयुर्वेदाचार्य बीके राम शंकर भाई ने कहा कि रोजाना 10 से 15 तरह की पेड़ पौधों की पत्तियों और फूलों से हाइजीनिक तरीके से ये हर्बल पेय तैयार किया जाता है। इसे रातभर धीमी आंच पर पकाया जाता है। साथ ही इसमें जीरा, हल्दी, अदरक, दालचीनी, सौंप, काली मिर्च, धनिया, गिलोय, पुदीना विशेष रूप से मिलाया जाता है। इसे रोजाना 100-150 एमएल सुबह शाम लिया जा सकता है।
एक व्यक्ति को काढ़ा बनाने के लिए तुलसी, अमरूद, जामुन, नीम, बेल पत्र, अनार, नींबू, कड़ी पत्ता मीठी नीम, आम, पीपल, इनमें से कोई सात तरह की पांच पांच पत्तियां और लेकर सौंप, दालचीनी, काली मिर्च, अदरक, हल्दी मिक्सर में पीस ले। बड़ी पत्तियों वाले पेड़ की दो पत्ती ही ले। साथ ही इसमें चुटकी भर काला या सेंधा नमक मिलाकर 200 एमएल हर्बल जूस सुबह खाली पेट लगातार 21 दिन पीने से हर तरह की बीमारी में लाभ होता है। इसके सेवन के एक घंटे बाद खा पी सकते हैं। इस मौके पर विशेष रूप से वरिष्ठ राजयोगी बीके शंकर भाई, बीके भगवान भाई, बीके आनंद भाई, बृज भाई, बीके महेश भाई सहित बड़ी संख्या में भाई बहिन मौजूद रहे।