Rajasthan Staff Selection Board: जिस ऑफिस में नौकरी मिलती, वहीं की कर्मचारी बेच रही थी फर्जी सर्टिफिकेट

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News India Live, Digital Desk: जिस विभाग पर लाखों युवाओं को निष्पक्ष तरीके से नौकरी देने की ज़िम्मेदारी हो, अगर उसी की दफ्तर में बैठकर कोई कर्मचारी 'फर्जीवाड़े का खेल' चला रहा हो, तो इसे क्या कहेंगे? राजस्थान में चल रहे फर्जी खेल प्रमाण पत्र (Fake Sports Certificate) घोटाले की जांच में एक ऐसा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसने सबको हैरान कर दिया है।

इस मामले की जांच कर रही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की सुई अब खुद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) के अंदर तक पहुंच गई है। SOG की जांच के घेरे में बोर्ड की ही एक महिला कर्मचारी (लोअर डिवीजन क्लर्क - LDC) और उसका पति आ गए हैं।

जिसने चोरी पकड़ी, वही निकली चोर!

यह मामला 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली कहावत को सच साबित करता है। जांच में जो बात सामने आई है, वो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।

  • सिर्फ इतना ही नहीं, उस पर यह भी आरोप है कि वह इस पूरे रैकेट की एक अहम कड़ी थी और दूसरे अभ्यर्थियों को भी बीकानेर की एक स्पोर्ट्स अकादमी से फर्जी सर्टिफिकेट दिलवाने में मदद करती थी।

सोचिए जरा, जो खुद फर्जी तरीके से नौकरी पर लगी, वही दूसरों को भी यही रास्ता दिखा रही थी, वह भी उसी ऑफिस में बैठकर जो हजारों युवाओं के भविष्य का फैसला करता है!

कैसे काम करता था यह रैकेट?

SOG की पूछताछ में सामने आया है कि इस महिला कर्मचारी ने बॉल बैडमिंटन के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए यह नौकरी हासिल की थी। उसका पति एक सरकारी स्कूल में शारीरिक शिक्षक (Physical Education Teacher) है, और वह भी SOG की जांच के घेरे में है।

यह पूरा गिरोह कुछ इस तरह से काम करता था:

  1. इसके बाद बीकानेर की एक अकादमी से उनके नाम पर फर्जी स्पोर्ट्स सर्टिफिकेट तैयार करवाया जाता था।
  2. इस सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके वे चयन बोर्ड की भर्तियों के लिए आवेदन करते थे।

कैसे खुली इस 'खेल' की पोल?

इस पूरे फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ तब हुआ, जब कुछ अन्य उम्मीदवारों ने इस मामले में धांधली की शिकायत की। मामला जब SOG के पास पहुंचा, तो परतें खुलनी शुरू हो गईं और जांच की आंच चयन बोर्ड के दफ्तर तक जा पहुंची।

SOG अब इस महिला क्लर्क और उसके पति से यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह के तार और कहां-कहां तक जुड़े हैं, अब तक कितने फर्जी सर्टिफिकेट बनाए गए हैं, और इस पूरे खेल में कितने पैसे का लेनदेन हुआ है।

इस घटना के बाद, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी अपने यहां खेल कोटे से लगे सभी कर्मचारियों के दस्तावेजों की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। यह मामला उन लाखों मेहनती छात्रों के भरोसे पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाता है जो दिन-रात एक करके सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं

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