राजस्थान जल जीवन मिशन घोटाला महेश जोशी को सुप्रीम कोर्ट से संजीवनी, 6 महीने बाद जेल से बाहर आने का

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News India Live, Digital Desk : राजस्थान की राजनीति, खास तौर पर कांग्रेस खेमे के लिए मंगलवार का दिन बड़ी राहत लेकर आया। पिछले 6 महीने से भी ज्यादा समय से जेल की सलाखों के पीछे बंद, राज्य के पूर्व कद्दावर मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi) को आखिरकार जमानत मिल गई है।

जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए गए जोशी की जमानत अर्जी राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। लेकिन, हार न मानते हुए उन्होंने देश की सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया, और वहां उनकी सुनी गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या तर्क दिया?

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के सामने जब यह मामला आया, तो एक बहुत ही लॉजिकल बात उठी। कोर्ट ने पाया कि इस केस के बाकी आरोपी पहले ही जमानत पर रिहा हो चुके हैं। साथ ही, जजों का मानना था कि PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग) के इस केस में मुकदमा (Trial) शुरू होने और खत्म होने में अभी काफी लंबा वक्त लग सकता है।

अदालत ने कहा, "मुकदमे में देरी होने की संभावना है, और आरोपी पहले ही करीब 197 दिन जेल में बिता चुका है। ऐसे में किसी को अनिश्चित काल तक सलाखों के पीछे रखना न्यायसंगत नहीं है।" बस इन्हीं दलीलों के आधार पर महेश जोशी को बेल मिल गई।

क्या है यह पूरा 'पानी' घोटाला?

अगर आपको याद हो, तो राजस्थान की पिछली गहलोत सरकार के दौरान पीएचईडी (PHED) विभाग खूब चर्चा में रहा था। केंद्र सरकार की योजना 'जल जीवन मिशन' (हर घर नल) के टेंडर्स में भारी गड़बड़ी और घूसखोरी के आरोप लगे थे। ईडी का दावा है कि फर्जी वर्क एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट के आधार पर चहेती कंपनियों को टेंडर दिए गए और इसके बदले में मोटी रिश्वत ली गई।

इसी सिलसिले में इसी साल 21 मई को ईडी ने महेश जोशी को गिरफ्तार किया था। ईडी का मानना था कि मंत्री रहते हुए जोशी की इस पूरे खेल में अहम भूमिका थी।

वकीलों की दलील काम आई

सुप्रीम कोर्ट में महेश जोशी की तरफ से सीनियर वकील सिद्धार्थ लूथरा ने दमदार पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जांच पूरी हो चुकी है और अभियोजन पक्ष (Prosecution) अपनी शिकायत दर्ज कर चुका है, इसलिए अब उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं बनता। ईडी ने विरोध जरूर किया, लेकिन कोर्ट ने 'स्वतंत्रता के अधिकार' और 'ट्रायल में देरी' को आधार बनाकर फैसला सुना दिया।

अब जब महेश जोशी बाहर आ रहे हैं, तो राजस्थान की शांत पड़ी सियासत में फिर से थोड़ी हलचल बढ़ने की उम्मीद है। देखना होगा कि जेल से बाहर आने के बाद पूर्व मंत्री क्या कदम उठाते हैं।

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