Rajasthan High Court : कन्हैयालाल हत्याकांड, NIA को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, रेकी करने वाले आरोपी की जमानत रद्द करने से इनकार

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News India Live, Digital Desk: पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाले उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले के एक प्रमुख आरोपी जावेद की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है. आरोपी जावेद पर कन्हैयालाल की दुकान की 'रेकी' करने और हत्या की साजिश में शामिल होने का गंभीर आरोप है.

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें जावेद को जमानत दी गई थी. NIA ने हाई कोर्ट के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने NIA की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट ने जमानत देते समय मामले के सभी पहलुओं पर विचार किया था. बेंच ने कहा, "हम हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं पाते हैं." इसी टिप्पणी के साथ कोर्ट ने NIA की अर्जी को खारिज कर दिया.

कौन है जावेद और क्या हैं उस पर आरोप?

NIA के मुताबिक, जावेद कन्हैयालाल की नृशंस हत्या की आपराधिक साजिश का एक अहम हिस्सा था. उस पर आरोप हैं कि:

  • उसने हत्या से ठीक पहले कन्हैयालाल की दुकान की रेकी की थी.
  • वह मुख्य हत्यारों रियाज अट्टारी और गौस मोहम्मद के साथ लगातार संपर्क में था.
  • वह हत्या की पूरी योजना से वाकिफ था और उसमें सक्रिय रूप से शामिल था.

NIA ने अपनी दलील में कहा था कि यह एक साधारण हत्या नहीं, बल्कि एक आतंकी घटना है, जिसका मकसद समाज में आतंक और भय फैलाना था. एजेंसी ने कहा कि ऐसे गंभीर मामले में एक साजिशकर्ता को जमानत देना गलत संदेश देगा और न्याय के हित में नहीं है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को नहीं माना.

क्या था यह दिल दहला देने वाला हत्याकांड?

आपको याद दिला दें कि 28 जून 2022 को उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की उनकी ही दुकान में घुसकर दो कट्टरपंथियों, रियाज अट्टारी और गौस मोहम्मद ने, धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी थी. कन्हैयालाल का कुसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट किया था.

हत्यारों ने इस पूरी बर्बरता का वीडियो भी बनाया था और उसे सोशल मीडिया पर डालकर हत्या की जिम्मेदारी ली थी, जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच NIA को सौंपी गई थी.

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