राजस्थान हाईकोर्ट: नाथद्वारा में रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण को चुनौती, रेल मंत्रालय एवं अधिकारियों से जवाब तलब

जोधपुर, 07 जुलाई (हि.स.)। श्रीनाथ जी की नगरी नाथद्वारा में नई रेलवे लाइन बिछाने के लिए निजी खातेदारों की भूमि अधिग्रहण करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।

हाईकोर्ट ने पूर्व निर्धारित डिजाइन में परिवर्तन कर कुछ रसूखदार खातेदारों की जमीनें छोड़ने और अप्रभावशाली लोगों की जमीनों का अधिग्रहण करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी। न्यायाधीश रेखा बोराणा ने नाथद्वारा निवासी जमनादास सनाढ्य एवं तीन अन्य खातेदारों की याचिका पर यह आदेश पारित किया। हाईकोर्ट का आदेश हालांकि केवल याचिकाकर्ता खातेदारों की जमीनों को लेकर ही प्रभावी रहेगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप शाह एवं अधिवक्ता विनीत सनाढ्य ने पैरवी की।

रसूखदारों की छोड़ी जमीन:

याचिका में बताया गया कि रेल मंत्रालय ने पहले 7 अप्रेल 2022 को अधिसूचना जारी कर नाथद्वारा-नाथद्वारा टाउन रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की थी। इसमें याचिकाकर्ताओं की भूमि अधिग्रहण के लिए सम्मिलित नहीं थी। लेकिन बाद में बिना किसी कारण 29 दिसम्बर 2023 को नई अधिसूचना जारी कर पहले शामिल की गई जमीनों को छोड़ दिया और याचिकाकर्ताओं की जमीन को शामिल कर लिया। रेलवे द्वारा छोड़ी गई जमीनों में कई प्रभावशाली एवं राजनीतिक रसूखदार लोगों की जमीनें हैं।

कानून रखा ताक पर

याचिका में बताया गया कि रसूखदारों को लाभ पहुंचाने के लिए रेलवे ने कानून की भी परवाह नहीं की। अधिग्रहण से पूर्व नियमानुसार आपत्तियां आमंत्रित एवं निस्तारित करनी होती हैं। याचिकाकर्ताओं ने रेलवे अधिनियम की धारा 20-डी में लिखित आपत्तियां भूमि अधिग्रहण प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की थी। लेकिन इन आपत्तियों पर सुनवाई करने के बजाय अधिकारियों ने मनमर्जी से आपत्तियां निस्तारित कर अधिग्रहण प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया। अधिकारियों से सम्पर्क करने पर याचिकाकर्ताओं को बताया गया कि आपत्तियों का निस्तारण 9 अप्रेल 2024 को ही कर दिया था। याचिका में इसे भी चुनौती दी गई। याचिकाकर्ताओं को कहना था कि उन्हें सुनवाई को समुचित अवसर नहीं दिया गया।

हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

अधिग्रहण प्रक्रिया में खामी एवं रसूखदारों को लाभ पहुंचाने के मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश रेखा बोराणा ने रेल मंत्रालय सहित रेलवे के अधिकारियों एवं नाथद्वारा के उपखण्ड अधिकारी और भूमि अधिग्रहण अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने नोटिस की एक प्रति रजिस्टर्ड डाक से भेजने के भी आदेश दिए। साथ ही याचिकाकर्ताओं की जमीनों के अधिग्रहण सम्बन्धी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी।