रेलवे नई सेवा: भारतीय रेलवे ट्रेनों में खाने के लिए खास व्यवस्था कर रहा है, ताकि अगर यात्री यात्रा के दौरान घर से खाना नहीं ले जा रहा है, तो उसे रास्ते में किसी तरह की परेशानी न हो। उच्च गुणवत्ता वाला खाना मुहैया कराया जा सके। इसके लिए 110 पेंट्री कार बनाने की तैयारी की गई है, जिन्हें जरूरत के हिसाब से ट्रेनों में लगाया जाएगा।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार के अनुसार, वर्तमान में वंदे भारत, शताब्दी, राजधानी, तेजस जैसी सभी प्रीमियम ट्रेनों में पेंट्री कार हैं। इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं होती है, हालांकि कई सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों में भी पेंट्री कार हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को होती है।
दरअसल, ये स्पेशल ट्रेनें मुख्य रूप से होली, दिवाली, थापा, रक्षाबंधन और गर्मी की छुट्टियों के दौरान चलती हैं। यानी ये नियमित नहीं चलती हैं। इससे ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को खाने-पीने में दिक्कत होती है। मजबूरी में इन यात्रियों को ट्रेनों में खाना बेचने वाले वेंडरों से खाना लेना पड़ता है। कई बार अनधिकृत वेंडर ट्रेनों में चढ़कर खाना बेचते हैं, जो महंगा होने के साथ गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती। साथ ही रेलवे के वेंडरों की गाड़ियां सभी स्टेशनों पर नहीं लगती हैं, ये सुविधा सिर्फ बड़े स्टेशनों पर ही है और कई जगहों पर बड़े स्टेशन काफी दूर हैं। इस दौरान ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने अगले दो साल में 110 पेंट्री तैयार करने का फैसला किया है। इस तरह साल 2024-25 में 55 और 2025-26 में 55 पेंट्री कार बनकर तैयार हो जाएंगी, जिन्हें ट्रेनों में लगाया जाएगा।
इसलिए नहीं होती स्पेशल ट्रेनों में पेंट्री कार
दीपक कुमार के अनुसार सभी स्पेशल ट्रेनों में पेंट्री कार लगाना संभव नहीं है। भारतीय रेलवे के पास इतनी पेंट्री कार नहीं है। कुछ स्पेशल ट्रेनों में पेंट्री कार लगाई जाती है। अन्य स्पेशल ट्रेनों के लिए कोच के बाहर प्लेटफॉर्म पर वेंडर कार्ट लगाने की व्यवस्था की जाती है, ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान खाने-पीने की कोई दिक्कत न हो।