रेलवे ने लोअर बर्थ बुकिंग को लेकर बनाया नया नियम, अब इन लोगों को मिलेगी कन्फर्म लोअर बर्थ

भारतीय रेलवे से हर रोज़ लाखों-करोड़ों लोग सफ़र करते हैं. फिर इसमें बच्चे, युवा और वरिष्ठ नागरिक भी आते हैं. ऐसे में रेलवे सबका ख्याल रखता है, फिर चाहे आप अकेले सफ़र कर रहे हों या गर्भवती पत्नी के साथ, रेलवे सुनिश्चित करता है कि आपको अपनी यात्रा में किसी तरह की परेशानी न हो. अगर आप बुजुर्गों की श्रेणी में आते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है, आइए आपको बताते हैं कि रेलवे से वरिष्ठ नागरिकों को क्या-क्या लाभ मिलते हैं.

रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को दी निचली बर्थ

रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने के लिए कई नियम बनाए हैं। इससे उनकी यात्रा आसान हो जाती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए लोअर बर्थ आसानी से बुक की जा सकती है। IRCTC ने वरिष्ठ नागरिकों को लोअर बर्थ आवंटित करने की जानकारी दी है। एक यात्री ने ट्वीट कर बताया था कि उसने अपने चाचा के लिए ट्रेन का टिकट बुक किया था और लोअर बर्थ का विकल्प चुना था, क्योंकि उसके चाचा को पैर में समस्या थी, लेकिन इसके बावजूद रेलवे ने उन्हें अपर बर्थ दे दी थी।

रेलवे ने बताया बुकिंग का तरीका

यात्री के ट्वीट के अनुसार रेलवे ने लिखा कि अगर आप जनरल कोटे के अनुसार टिकट बुक करते हैं तो सीट अलॉट होने पर ही सीट अलॉट की जाती है। अगर सीट नहीं है तो नहीं आपको वो सीट नहीं मिलेगी। अगर आप रिजर्वेशन च्वाइस बुक के अनुसार टिकट बुक करते हैं तो लोअर बर्थ अलॉट होने पर ही आपको लोअर बर्थ मिलेगी।

निचली बर्थ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर उपलब्ध है।

रेलवे का कहना है कि कोटे के अनुसार बुकिंग करने वाले व्यक्ति को सीट तभी आवंटित की जाती है जब सीट खाली हो। ये सीटें पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर होती हैं। अगर आपको जनरल कोटे में सीट मिलती है तो आपकी सीट पर कोई नहीं बैठ सकता। हालांकि, आप लोअर बर्थ के लिए टीटीई से बात कर सकते हैं। अगर लोअर बर्थ है तो आपको मिल जाएगी।

महिलाओं के लिए नियम

45 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों और गर्भवती महिलाओं को भी ट्रेन में निचली बर्थ मिलती है। राजधानी, दुरंतो और फुली जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में, 3AC में 4 निचली बर्थ बुक की जाती हैं। सामान्य और मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में 4 निचली बर्थ बुक की जाती हैं।