रेलवे के लोअर बर्थ के नियम: अगर आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं, खासकर रात के समय, तो सबसे बड़ी समस्या बर्थ को लेकर होती है। वहीं अगर आप किसी बुजुर्ग के साथ सफर कर रहे हैं, तो हमेशा कोशिश की जाती है कि उन्हें लोअर बर्थ मिले, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए रेलवे की ओर से खास इंतजाम किए गए हैं। अगर आपके साथ कोई बुजुर्ग है, तो रेलवे के नियमों के तहत आपको आसानी से लोअर बर्थ मिल सकती है।
बुजुर्गों को लोअर बर्थ में मिलेगी प्राथमिकता, बुकिंग के समय चुनें ये विकल्प
रेलवे के नियमों के मुताबिक, बुजुर्गों को लोअर बर्थ में प्राथमिकता मिलती है। हालांकि, रेलवे ने हाल ही में एक ट्वीट में कहा था कि लोअर बर्थ तभी मिलती है, जब वह उपलब्ध हो। इसके लिए पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर व्यवस्था है। वहीं, अगर आप रिजर्वेशन च्वाइस बुक के तहत टिकट बुक करते हैं, तभी बुकिंग के समय लोअर बर्थ अलॉट होती है, तो आपको लोअर बर्थ मिलेगी। हालांकि, अगर सीट उपलब्ध नहीं है, तो सीट नहीं मिलेगी।
पुरुषों की आयु 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, महिलाओं की आयु 58 वर्ष से अधिक होनी चाहिए
अगर वरिष्ठ नागरिक लोअर बर्थ की सुविधा लेना चाहते हैं तो पुरुष की आयु 60 वर्ष से अधिक और महिला की आयु 58 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। पुरुष और महिला को एक ही टिकट पर यात्रा करनी चाहिए। स्लीपर क्लास में प्रत्येक कोच में छह लोअर बर्थ होती हैं, थर्ड एसी में प्रत्येक कोच में तीन लोअर बर्थ होती हैं और सेकंड एसी में प्रत्येक कोच में तीन लोअर बर्थ होती हैं। राजधानी, दुरंतो और पूरी तरह से एसी एक्सप्रेस ट्रेनों में, 3AC में प्रत्येक कोच में चार लोअर बर्थ होती हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए रेलवे के ये हैं नियम
गर्भवती या बुजुर्ग महिलाओं को भी कई सुविधाएं मिलती हैं। अगर आपके साथ कोई गर्भवती महिला यात्रा कर रही है तो उसे लोअर बर्थ में प्राथमिकता मिलती है। इसके अलावा 45 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को भी लोअर बर्थ में प्राथमिकता मिलती है। रेलमित्र के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिक या महिलाएं लोअर बर्थ की सीट केवल बुकिंग काउंटर या रिजर्वेशन ऑफिस से ही बुक कर सकती हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा।