रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को दिया बड़ा तोहफा, जल्द मिलेगी ये सुविधा, देखें अपडेट

Indian Railway: लेकिन अब केंद्र सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस सुविधा को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है! अगर ऐसा होता है, तो देश भर के करोड़ों वरिष्ठ नागरिकों को एक बहुत ही अच्छा और शानदार तोहफा मिलेगा! सरकार रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को 4 साल तक दी जाने वाली इस महत्वपूर्ण टिकट छूट को फिर से शुरू कर सकती है! अगर सरकार यह घोषणा करती है, तो यह पीएम मोदी के कार्यकाल में वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा तोहफा हो सकता है! तो चलिए हम आपको इस जानकारी के बारे में सभी अधिक जानकारी देते हैं!

रेलवे में यात्रियों की संख्या बढ़ी

हाल ही में रेल मंत्री अश्विन वैष्णव कह रहे थे कि कोरोना काल के बाद वरिष्ठ नागरिकों का ट्रेन से सफ़र करना बढ़ा है। निचले सदन में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए रेल मंत्री बताते हैं कि 20 मार्च 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक 1.87 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेन से सफ़र किया है।

लेकिन 1 अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक 4.74 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेन से यात्रा की है। तब सरकार ने रेलवे किराए में रियायत देने से इनकार कर दिया था। लेकिन अब सरकार इसे फिर से शुरू करने पर विचार कर रही है।

भारतीय रेलवे – 4 साल बाद किराये में छूट की संभावना

तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मिल रही खबरों के अनुसार सरकार 4 साल बाद देश के वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा किराए में छूट देने की तैयारी कर रही है। अनुमान है कि यह छूट एसी कोच की जगह सिर्फ स्लीपर पर ही शुरू होगी। यहां सरकार की कोशिश रेलवे विभाग पर कम आर्थिक बोझ डालने की है! इस कारण से केवल उन्हीं वरिष्ठ नागरिकों को छूट मिलेगी जो स्लीपर क्लास में यात्रा करने में आर्थिक रूप से असमर्थ हैं! वरिष्ठ नागरिक – आरक्षण फॉर्म में छूट का चयन करना होगा

इसके साथ ही खबर यह भी है कि रेलवे किराए में यह छूट केवल उन्हीं वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी जो इसका लाभ उठाना चाहते हैं! ध्यान रहे कि अब आपको पहले की तरह सिर्फ उम्र दर्ज करने से रेलवे से छूट नहीं मिलेगी! यह छूट पाने के लिए आपको रिजर्वेशन फॉर्म का छूट वाला कॉलम भरना होगा!

खबर यह भी है कि सरकार यह छूट साल में 2-3 बार ही देने की सोच रही है! कोरोना से पहले की बात करें तो वरिष्ठ नागरिकों को जनरल, एसी और स्लीपर कोच में यात्रा में 50% तक की सहूलियत मिल रही थी!