रेलवे ने बुजुर्ग यात्रियों की राहत का सहारा लेकर 4 साल में 5800 करोड़ रुपये कमाए

भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत खत्म की: रेलवे ने देश के वरिष्ठ नागरिकों यानी अधिक उम्र के यात्रियों को दी जाने वाली रियायत वापस ले ली है, ऐसा करके रेलवे ने करोड़ों रुपये की कमाई की है। यह जानकारी आरटीआई में सामने आई है. प्राप्त रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायत को वापस लेकर पिछले चार साल में 5800 करोड़ रुपये की कमाई की है.

यह खुलासा आरटीआई में हुआ 

मध्य प्रदेश के नागरिक चंद्र शेखर गौड़ ने आरटीआई कानून के तहत रेलवे से वरिष्ठ नागरिक किराए में छूट के बाद होने वाली आय की जानकारी मांगी थी, विभिन्न मुद्दों के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक रेलवे को 5875 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्राप्त हुई है 20 मार्च 2020 से 31 जनवरी 2024 तक. आरटीआई दायर करने वाले गौड़ के अनुसार, रेलवे ने मुझे बताया कि पिछले चार वर्षों में 13 करोड़ पुरुषों, नौ करोड़ महिलाओं, 33,700 ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों ने रेलवे में यात्रा करके रेलवे को 13,287 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

कोरोना महामारी से पहले वरिष्ठ नागरिकों को राहत दी गई थी 

पहले रेलवे महिलाओं को किराये में 50 फीसदी और पुरुषों व ट्रांसजेंडरों को 40 फीसदी की छूट देता था. तो इस राहत को रद्द करने के बाद जो अतिरिक्त कमाई मिली है उसके आंकड़ों का हिसाब लगाएं तो रेलवे को 5875 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है. इसका मतलब है कि वरिष्ठ नागरिकों को भी नागरिकों के समान ही किराया देना होगा। कोरोना महामारी से पहले रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को यह राहत दी गई थी, जिसे रेलवे ने साल 2020 में वापस ले लिया. इससे पहले जब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए दावा किया कि रेलवे में हर नागरिक को किराए में पहले ही छूट दी जा चुकी है.