Railway Rules: ट्रेन टिकट कन्फर्म न होने पर भी कर सकेंगे AC में सफर, जानें रेलवे के नियम

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नई दिल्ली। ट्रेन से सफर करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी त्योहारी सीजन और छुट्टियों के दौरान होती है, क्योंकि उस समय कन्फर्म टिकट मिलना काफी मुश्किल होता है, 120 दिन पहले बुकिंग शुरू होते ही वेटिंग शुरू हो जाती है। ऐसे में परिवार के साथ ट्रेन से सफर करने में दिक्कत होती है। इन यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। उनकी परेशानी काफी हद तक कम हो जाएगी। वे अनारक्षित टिकट पर एसी सफर का मजा ले सकेंगे। जानिए रेलवे की योजना-

इस समय पूरे देश में 10 हजार से ज्यादा ट्रेनें चल रही हैं। इनमें शताब्दी, राजधानी, वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी शामिल हैं। इन ट्रेनों से रोजाना करीब 2 करोड़ यात्री सफर करते हैं। इनमें से करीब 10 फीसदी यानी 20 लाख लोग रिजर्वेशन कराकर सफर करते हैं। पीक सीजन में यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे ने योजना बनाई है।

लंबे समय से ऐसे कोच बनाने के लिए संघर्ष चल रहा था

अनारक्षित कोच में एसी लगाने में बाधा यात्रियों की संख्या थी। सभी मौजूदा एसी कोच में यात्रियों की संख्या तय होती है। इसमें 72 कन्फर्म टिकट वाले और कुछ वेटिंग लिस्ट वाले यात्री होते हैं। इस तरह यह संख्या करीब 80 होती है, यात्रियों की संख्या के हिसाब से उस क्षमता के एसी लगाए जाते हैं। जब अनारक्षित कोच फुल होता है तो यात्रियों की संख्या करीब 250 होती है। इसलिए कोच और एसी की क्षमता में संतुलन बनाना जरूरी था। रेलवे लंबे समय से ऐसे अनारक्षित कोच बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था।

इस ट्रेन का ट्रायल सफल रहा

इस तरह की डिजाइन वाले कोच हाल ही में भुज से अहमदाबाद के बीच चली नमो भारत रैपिड रेल में तैयार किए गए हैं। रेलवे इंजीनियरों के मुताबिक अनारक्षित कोच में यात्रियों की क्षमता तय नहीं है, इसलिए एक्सल लोड अधिकतम 270 यात्रियों की क्षमता के हिसाब से रखा गया है, वहीं 15-15 टन के एसी लगाए गए हैं, ताकि क्षमता पूरी होने पर कोच पूरी तरह ठंडा रहे। ठीक वैसे ही जैसे अभी मेट्रो में सफर किया जाता है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेन में ट्रायल किया जा रहा है। भविष्य में अनारक्षित कोच इसी कॉन्सेप्ट पर तैयार किए जाएंगे।

शताब्दी-राजधानी से दोगुनी क्षमता वाले एसी

अनारक्षित कोच में शताब्दी-राजधानी से दोगुनी क्षमता वाले एसी लगेंगे रेलवे इंजीनियरों के अनुसार अभी शताब्दी, राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में प्रत्येक कोच में आठ-आठ टन के दो एसी लगाए जाते हैं, लेकिन अनारक्षित कोच में एक कोच में 15-15 टन के दो एसी लगाए जाएंगे, ताकि कोच पूरी तरह ठंडा रहे।