इंडी गठबंधन के सनातन विरोधी एजेंडे का हिस्सा है राहुल गांधी का बयान: प्रहलाद पटेल

भोपाल, 2 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश सरकार के मंत्री प्रहलाद पटेल ने लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा दिए गए वक्तव्य की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राहुल गांधी द्वारा हिंदुओं को हिंसक बताया जाना कांग्रेस और इंडी गठबंधन के सनातन विरोधी हिडन एजेंडे का ही हिस्सा है। ऐसा करके राहुल गांधी ने एक बार फिर सनातन को अपमानित करने का प्रयास किया है, जिसके विरोध में देश भर में गुस्सा है। राहुल गांधी के इस संदेश के जो संकेत देश में गए हैं, वो बेहद खतरनाक हैं।

राहुल गांधी का आचरण संसदीय परंपराओं, नियमों का अपमान

मंत्री पटेल ने मंगलवार काे पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा के दौरान जिस तरह से संसदीय नियमों और परंपराओं का लगातार अपमान किया, उसे पूरे देश ने देखा है। लेकिन उन्होंने मर्यादा की सीमा का उल्लंघन तब किया, जब उन्होंने हमारी भारतीय संस्कृति को हिंसक बताने का अपराध किया। उन्होंने कहा कि लंबे संसदीय कार्यकाल के दौरान उन्होंने नियमों और परंपराओं की ऐसी अवहेलना कभी नहीं देखी। मैं कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को यह चुनौती देता हूं कि सारी दुनिया में अगर अहिंसा, सद्भाव और वसुधैव कुटुंबकम को लेकर किसी का नाम लिया जाता है, तो वह सनातन संस्कृति ही है। हमने किसी के बच्चों को दीवार में चुनवाकर अपने धर्म के बारे में चर्चा नहीं की। हमने तलवार लेकर कभी धर्म का विस्तार करने के बारे में सोचा। राहुल गांधी हिंसा करने वाले इन लोगों के बारे टिप्पणी करके बताएं, तब उन्हें पता चलेगा।

राहुल गांधी ने बताया पांच सालों में क्या रहेगा उनका एजेंडा

पटेल ने कहा कि राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहले ही दिन लोकसभा में जो आचरण किया है, उससे उन्होंने यह बता दिया है कि अगले पांच सालों तक उनका एजेंडा क्या रहने वाला है। देश की जनता ने शायद कांग्रेस को इसलिए वोट दिया होगा कि देश में मजबूत विपक्ष रहना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने जनता के उस समर्थन को हिंदू विरोध का अभियान बना दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एक हिडन एजेंडा हमेशा से रहा है, जो हमारी संस्कृति पर प्रहार करता रहा है, हमारी परंपराओं को अपमानित करता रहा है। इसलिए राहुल गांधी के इस व्यवहार पर कोई आश्चर्य नहीं है, बस खेद और दुख है और उसे हम एक चुनौती के रूप में लेते हैं। मैं देश की जनता को भी इस बात के लिए आगाह करना चाहता हूं कि कांग्रेस के छुपे हुए एजेंडे के बारे में उसकी भी समझ बढ़नी चाहिए और जो लोग संसदीय परंपराओं, नियमों से जुड़े हैं, उनसे यह आग्रह करूंगा कि इस घटना को हल्के में न लें। यह एक गंभीर घटना है और राहुल गांधी के इस बयान से पूरे देश में जो संदेश गया है, वह बेहद खतरनाक है। एक ऐसा व्यक्ति जो नेता प्रतिपक्ष के पद पर है, उसके इस बेलगाम व्यवहार के प्रति हम सबको सचेत रहना होगा।

राहुल गांधी को न धर्म की समझ, न योजनाओं की जानकारी

प्रहलाद पटेल ने कहा कि सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में जो बयान दिया, वह दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, उससे एक बार फिर यह साबित हो गया है कि कांग्रेस के युवराज को न धर्म की समझ है और न ही योजनाओं की जानकारी। वे सिर्फ झूठ के माध्यम से संसद और देश की जनता को गुमराह करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी का नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला ही भाषण झूठ, निराशा और तथ्यहीन बातों से भरा हुआ था। इतना ही नहीं, उनका अपने भाषण के दौरान आचरण भी संसदीय गरिमा के अनुरूप बिलकुल भी नहीं था। लोकसभा में चर्चा राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर हो रही थी लेकिन राहुल गाँधी ने उस बावत एक शब्द भी नहीं बोला। इससे साबित होता है कि राहुल गांधी पहले से तय करके आए थे कि उन्हें तो बस सनातन धर्म, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर कीचड़ उछालना है, छवि खराब करने का प्रयास करना है। सदन में राहुल गाँधी ने केवल और केवल झूठ बोला और अपने आचरण से संसदीय गरिमा को तार-तार कर दिया।

बयानबाजी झूठी, आचरण आपत्तिजनक

पटेल ने कहा कि राहुल गाँधी ने अपने भाषण में न केवल हिंदुओं का घोर अपमान किया, हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बताया, बल्कि अग्निवीर, किसान, अयोध्या, माइक-सभी मामलों पर झूठ और केवल झूठ बोला। हिंदुओं और सनातन को अपमानित करने तथा सदन में झूठी बयानबाजी करने के लिए राहुल गांधी को देश की जनता से तत्काल माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी छोटी समझ का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए इस्लाम में भी अभय मुद्रा बता दी जबकि इस्लाम में कोई चित्र नहीं होता है, तो उन्हें अभय मुद्रा कहाँ से दिख गई?राहुल गाँधी को कोई इल्म हुआ है या ऊपर से कोई फजल हुआ है कि उन्हें अभय मुद्रा दिख गई? राहुल गांधी संसद में जिस तरह से भगवान शंकर के चित्र को दिखा रहे थे, वह बेहद आपत्तिजनक था। राहुल गांधी शिव जी की तस्वीर दिखा रहे थे और कह रहे थे कि हम हिंदू धर्म की शक्ति से लड़ेंगे, जबकि शिव और शक्ति एक ही हैं। मंत्री पटेल ने कहा कि अपनी बयानबाजी के दौरान विभिन्न धर्मों के देवी-देवताओं का नाम लेने वाले राहुल गांधी को देश की जनता को यह बताना चाहिए कि उन्होंने लोकसभा में ईश्वर के नाम पर शपथ क्यों नहीं ली?

अपने गिरेबान में झांकें कांग्रेस और राहुल गांधी

प्रहलाद पटेल ने कहा कि राहुल गाँधी झूठ बोल कर भाग जाने में माहिर रहे हैं। राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद उन्होंने अपना दुष्प्रचार जारी रखा था। संविधान और संवैधानिक संस्थाओं का राहुल गांधी कितना सम्मान करते हैं, यह उस घटना से स्पष्ट हो जाता है, जब उन्होंने प्रेस क्लब में स्वयं अपनी पार्टी की गठबंधन सरकार के पारित ऑर्डिनेन्स की प्रति को फाड़ दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का चरित्र देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का रहा है। इंदिरा गांधी ने भी लगातार संसद, न्याय प्रणाली और नौकरशाही जैसी देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का कार्य किया। मंत्री पटेल ने कहा कि 99 सीटें जीतने पर ये हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बता रहे हैं, इससे साफ हो जाता है कि इनकी असल मंशा क्या है?