Rahul Gandhi's sharp attack on the Centre: मेक इन इंडिया केवल असेंबली बनकर रह गया असली विनिर्माण कहां

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News India live, Digital Desk : Rahul Gandhi's sharp attack on the Centre: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि यह योजना केवल नाम की है और इसका असली उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। राहुल गांधी के मुताबिक, 'मेक इन इंडिया' के नाम पर भारत में सिर्फ 'असेंबली' का काम हो रहा है, यानी हम विदेशों से बने बनाए कलपुर्जे (पार्ट्स) आयात करते हैं और उन्हें यहाँ लाकर जोड़ देते हैं, जबकि 'असली विनिर्माण' (Manufacturing) यानी खुद से चीजों को शुरू से अंत तक बनाना अभी भी दूर की कौड़ी है।

चीन और ताइवान से भारत की तुलना:
अपने तर्क को साबित करने के लिए राहुल गांधी ने चीन और ताइवान का उदाहरण दिया। उन्होंने समझाया कि अगर आप इन देशों को देखें, तो पाएंगे कि ये सिर्फ उत्पादों को असेंबल नहीं करते, बल्कि उन उत्पादों के भीतर के जटिल से जटिल कंपोनेंट्स को भी खुद बनाते हैं। उनका जोर इस बात पर था कि वास्तविक रोजगार तभी पैदा होते हैं, जब हम देश के अंदर ही चीजों का पूर्ण रूप से विनिर्माण शुरू करें, बजाय इसके कि हम दूसरे देशों पर निर्भर रहें और सिर्फ उनके द्वारा बनाए गए पुर्जों को यहां लाकर इकट्ठा करें।

रोजगार सृजन पर सवाल और एमएसएमई की वकालत:
राहुल गांधी ने दावा किया कि इस 'असेंबली मॉडल' की वजह से भारत में अपेक्षित मात्रा में रोजगार का सृजन नहीं हो पा रहा है। उनका मानना है कि सरकार की नीतियां बड़े उद्योगों पर ज़्यादा ध्यान दे रही हैं, जिससे देश की आर्थिक रीढ़ माने जाने वाले छोटे और मझोले उद्योग (MSMEs - Micro, Small and Medium Enterprises) और किसानों को पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने ज़ोर दिया कि भारत को अगर सही मायनों में आगे बढ़ना है और बेरोजगारी की समस्या से लड़ना है, तो उसे वास्तविक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना होगा और एमएसएमई सेक्टर तथा किसानों को मज़बूत करना होगा।

यह राहुल गांधी का केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर एक और बड़ा प्रहार है, जिसमें वह लगातार रोजगार सृजन और भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता के दावों की सत्यता पर सवाल उठा रहे हैं।

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