सत्ता में आए तो करवाएंगे जातिगत जनगणना: राहुल गांधी

चंडीगढ़, 22 मई (हि.स.)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की मांग को दोहराते हुए कहा है कि भारत में 90 प्रतिशत दलित, आदिवासी और पिछड़े हैं। मोदी सरकार इन्हें सम्मान देने की बात करती है लेकिन कांग्रेस इन्हें सत्ता में हिस्सेदारी देने की बात कर रही है। यह अब उनके लिए एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि जीवन का मिशन बन गया है।

राहुल गांधी बुधवार की शाम पंचकूला में समु्रद्ध भारत फाउंडेशन कीे ओर से आयोजित संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान केवल किताब नहीं बल्कि ट्रांसफर ऑफ पावर है। इस देश में 90 फीसदी दलित, आदिवासी, ओबीसी हैं लेकिन देश के नेरेटिव में उनकी कोई हिस्सेदारी नहीं है। हर फ्रंट पर केवल दस प्रतिशत लोग ही मौजूद हैं। राहुल गांधी ने मीडिया के एक वर्ग की आलोचना करते हुए कहा कि मीडिया के एजेंडे आज किसान, मजदूर, नाई, बड़ई, सफाई कर्मचारी सब बाहर हो चुके हैं।

देश के सिस्टम से 90 प्रतिशत को बाहर किया जा रहा है, जबकि इन्हीं के नाम पर सब योजनाएं बनाई जाती हैं। आज मंचों पर भारत की बात होती है और 90 प्रतिशत की भागेदारी नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि कांगेस की सरकार सत्ता में आने पर सबसे पहले जातिगत जनगणना करवाई जाएगी। इसके बाद यह सर्वे किया जाएगा कि देश की न्याय व्यवस्था में इन 90 प्रतिशत की कितनी भागेदारी है। इसके बाद देश का इकनॉमिक फाइनेंशयल सर्वे करवाकर यह पता करेंगे कि आर्थिक रूप से यह 90 प्रतिशत भारत कितना मजबूत है।

राहुल गांधी ने कहा कि संविधान को बचाने की लड़ाई 50 साल की नहीं हजारों साल पुरानी है। उन्होंने सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से आए हुए संविधान पैरोकारों द्यह्य से कहा कि पिछले दस वर्षों से भारत के जिस हिस्से को अनदेखा करके केवल दस प्रतिशत लोगों को भारत माना जा रहा है वह मिलकर अगले बीस साल का ऐसा विजन बनाएं जिसमें 90 प्रतिशत भारत की भागेदारी हो। इस काम को एक मिशन की तरह लिया जाए।