भारत का नया मुख्य चुनाव आयुक्त जल्द ही अपने कर्तव्य संभालेगा। ज्ञानेश कुमार को 18 फरवरी को राजीव कुमार की जगह भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया है। यह फैसला सोमवार देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा 2:1 के बहुमत से लिया गया।
राहुल गांधी ने इस नियुक्ति पर अपनी असहमति जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में नई नियुक्ति प्रक्रिया पर दायर याचिकाओं का फैसला नहीं आ जाता, तब तक मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति स्थगित की जानी चाहिए। राहुल का कहना है कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए और मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटाकर चुनाव प्रक्रिया की अखंडता पर मतदाताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
बैठक के दौरान यह भी सामने आया कि नए कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में सीजेआई का समावेश नहीं रहेगा, जबकि पुराने कानून में यह प्रावधान था। केंद्र सरकार द्वारा कानून में बदलाव करने पर विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसका निर्णय अभी भी प्रतीक्षारत है।
ज्ञानेश कुमार कौन हैं?
61 वर्षीय ज्ञानेश कुमार, 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अफसर हैं। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाले विधेयक के मसौदे में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उस समय वे गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और कश्मीर विभाग के प्रमुख थे। उन्होंने तीन तलाक समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति में भी अहम भूमिका निभाई थी। मई 2022 से वे गृह मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्यरत हैं और साथ ही श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट तथा भगवान श्रीराम की बाल स्वरूप मूर्ति चयन मंडल में भी शामिल रहे हैं।
राहुल गांधी इस नियुक्ति को अपमानजनक और नियमों के खिलाफ बताते हुए सरकार को जवाबदेह ठहराने का आह्वान कर रहे हैं।