बरकाकाना जंक्शन सहित 12 स्टेशन पर लगा क्विक वाटरिंग सिस्टम

रामगढ़, 23 मई (हि.स.) । पूर्व मध्य रेलवे ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ट्रेनों में पानी की उपयोगिता के लिए क्विक वाटरिंग सिस्टम लगाया गया है। रामगढ़ जिले के बरकाकाना जंक्शन पर भी यह सुविधा लागू कर दी गई है। रेलवे के जनसंपर्क विभाग द्वारा इस संबंध में एक बयान भी जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि ट्रेनों के कोचों में त्वरित रूप से पानी भरने हेतु पूर्व मध्य रेल के 12 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर त्वरित जल प्रणाली (क्विक वाटरिंग सिस्टम) का प्रयोग किया जा रहा है। स्टेशन पर ट्रेनों के न्यूनतम दस मिनट तक ठहराव होने पर ट्रेनों में पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु त्वरित जल प्रणाली बहुत ही उपयोगी संयंत्र है। त्वरित जल प्रणाली की डिस्चार्ज दर अधिकतम 200 लीटर/मिनट है। जिसे आवश्यकतानुसार समायोजित किया जा सकता है।

जानिए किस स्टेशन पर उपलब्ध है यह सुविधा

वर्तमान में पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, धनबाद मंडल के धनबाद, बरकाकाना, चोपन तथा नेसुबो गोमो स्टेशन, दानापुर मंडल के पटना जंक्शन, सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर तथा बरौनी रेलवे स्टेशन व समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सहरसा, जयनगर एवं नरकटियागंज रेलवे स्टेशनों पर यह सुविधा उपलब्ध है। इससे ट्रेनों में पानी भरने में लगने वाला समय पहले की व्यवस्था की तुलना में काफी कम हो गया है । इस प्रणाली के उपयोग से 24 कोच वाली ट्रेन को पूरी तरह से पानी देने में लगभग 08 मिनट का समय लगता है । इससे मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के समय पालन में सुधार में भी सहायक है।

इन 12 स्टेशनों पर मिली सिस्टम लगाने की स्वीकृति

पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशनों पर त्वरित जल प्रणाली की स्वीकृति प्राप्त है और कार्य प्रगति पर है। जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा । दानापुर मंडल के बक्सर, आरा, दानापुर, पाटलिपुत्र, इसलामपुर, बख्तियारपुर, किऊल एवं राजगीर, धनबाद मंडल के सिंगरौली, पं0 दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गया तथा समस्तीपुर मंडल के सहरसा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 3, 4 और 5 तथा समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर त्वरित जल प्रणाली की लगाए जाने की स्वीकृति प्राप्त है । इसके अतिरिक्त समस्तीपुर मंडल के सीतामढ़ी और सोनपुर मंडल के न्यू बरौनी रेलवे स्टेशनों के लिए त्वरित जल प्रणाली की सुविधा भी प्रस्तावित है।

नए सिस्टम में बंद होगी पानी की बर्बादी

रेलवे अधिकारियों के अनुसार त्वरित जल प्रणाली के उपयोग से न केवल पानी की बरबादी पर नियंत्रण हो पाया है, बल्कि काफी कम समय में ट्रेन के कोचों में पानी भरा जा रहा है। पानी की बर्बादी पर रोक लगने से जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में यह प्रणाली काफी उपयोगी साबित हो रही है। त्वरित जल प्रणाली में तीन उच्च दबाव वाले पंप शामिल हैं, जो प्लेटफॉर्म पर हाइड्रेंट को पानी की आपूर्ति करते हैं। इस संयंत्र के संचालन के लिए इसमें अग्रिम स्वचालन और नियंत्रण प्रणाली भी है। जिसमें पंपों की क्रमिक शुरूआत के साथ-साथ प्रत्येक पंप के लिए परिवर्तनशील गति नियंत्रण शामिल है।