गौतम गंभीर की कोचिंग पर उठे सवाल, जहीर खान बोले- ‘टीम में असुरक्षा पैदा कर रहे हैं’

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टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर पर लगातार आलोचनाओं की बौछार हो रही है। दो टेस्ट सीरीज हारने के बाद उन्होंने भले ही टी20 और वनडे सीरीज में जीत दिलाई हो, लेकिन उनकी रणनीति कई पूर्व क्रिकेटरों को रास नहीं आ रही। पूर्व तेज गेंदबाज और 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य जहीर खान ने गंभीर की कोचिंग स्टाइल पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे टीम में असुरक्षा की भावना पैदा कर रहे हैं, जिससे टीम को ही नुकसान होगा।

‘सिर्फ ओपनर ही फिक्स, बाकी बल्लेबाज फ्लेक्सिबल’

गंभीर की कोचिंग शैली खासकर व्हाइट बॉल क्रिकेट में देखने को मिल रही है, जहां उनका मानना है कि सिर्फ ओपनिंग जोड़ी तय होनी चाहिए, जबकि बाकी बल्लेबाजी क्रम फ्लेक्सिबल रहना चाहिए।

  • टी20 सीरीज में केवल संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा का ही बैटिंग ऑर्डर तय था, बाकी सभी के क्रम में बदलाव किया गया।
  • अब वनडे सीरीज में भी यही प्रयोग देखने को मिल रहा है।
  • पहले वनडे में रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल ने ओपनिंग की, जबकि शुभमन गिल तीसरे नंबर पर आए।
  • दूसरे वनडे में रोहित और गिल ने ओपन किया, जबकि विराट कोहली नंबर तीन पर खेले।

श्रेयस अय्यर ने भी खुलासा किया कि अगर विराट कोहली फिट होते, तो उन्हें पहले वनडे में खेलने का मौका ही नहीं मिलता।

जहीर खान की कड़ी प्रतिक्रिया

पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान ने क्रिकबज पर बातचीत के दौरान गंभीर की रणनीति को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा:

“आपने कहा कि आपको फ्लेक्सिबिलिटी रखनी होगी। नंबर एक और दो तो तय होंगे, लेकिन बाकी भी फ्लेक्सिबल होंगे। पर इस फ्लेक्सिबिलिटी के अंदर कुछ नियम और प्रोटोकॉल होने चाहिए, जिनका पालन जरूरी है।”

जहीर का मानना है कि टीम में एक स्थिरता जरूरी होती है, ताकि खिलाड़ियों को खुद को तैयार करने और मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखने का समय मिल सके। उन्होंने आगे कहा:

“कुछ कम्युनिकेशन की जरूरत है, जो चीजों को सुव्यवस्थित करेगा। अन्यथा, आप असुरक्षा पैदा कर रहे हैं, जो किसी न किसी स्तर पर वापस आकर आपको चोट पहुंचाएगी। आप नहीं चाहते कि ऐसा हो। इसलिए आपको उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।”

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‘द्रविड़ और गंभीर की रणनीति में बड़ा फर्क’

जहीर खान ने राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की कोचिंग शैली की तुलना करते हुए कहा कि गंभीर के आने के बाद टीम में गतिशीलता बढ़ी है, लेकिन यह कितनी फायदेमंद होगी, इस पर सवाल उठ रहे हैं।

“अगर आप राहुल द्रविड़ के दृष्टिकोण और गौतम गंभीर के दृष्टिकोण की तुलना करें, तो स्थिति अब अधिक गतिशील हो गई है। आप कह सकते हैं कि यह अच्छा है, बुरा है या बदसूरत है। लेकिन मुख्य सवाल यह है कि हम इससे कैसे अनुकूलन करते हैं?”

जहीर का मानना है कि टीम प्रबंधन, चयनकर्ता और खिलाड़ी सभी को इस बदलाव के साथ खुद को ढालना होगा और पूरे सिस्टम को सही दिशा में ले जाने की जरूरत है।

क्या गंभीर की रणनीति टीम इंडिया के लिए सही है?

गंभीर की “बदलाव और लचीलापन” वाली रणनीति नई नहीं है, लेकिन इसका असर टीम के प्रदर्शन पर कितना होगा, यह अभी साफ नहीं है।

  • कुछ विशेषज्ञ इसे आधुनिक क्रिकेट के अनुरूप मानते हैं, जहां मैच की स्थिति और पिच के अनुसार बैटिंग ऑर्डर बदला जाता है।
  • वहीं, कुछ पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि इससे खिलाड़ियों में असुरक्षा पैदा होती है और वे अपना नैचुरल गेम खेलने से हिचकिचाते हैं।

अब देखना होगा कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले टीम इंडिया गंभीर की रणनीति के साथ खुद को कैसे ढालती है और क्या यह बदलाव विश्व क्रिकेट में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

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