एसएएस नगर: ‘मोहाली के मिडिल स्कूलों में एडमिशन हॉल’ की खास खबर में शिक्षा ब्लॉक खरड़-1 के सरकारी स्कूल बड़माजरा का जिक्र करना बहुत जरूरी है। बड़माजरा जिले का सबसे बड़ा स्कूल है। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के दौरान यहां 285 छात्रों को प्रवेश दिया गया। बड़ी बात ये है कि इनमें लड़कियों की संख्या 157 और लड़कों की 128 है. खरड़ से मोहाली आने वाली नेशनल शाह रोड-21 पर बायीं ओर स्थित बरमाजरा गांव हाईटेक सिटी मोहाली के फेज-6 से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां के अधिकांश छात्र प्रवासी श्रमिकों के बच्चे हैं। कुल छात्रों में से 235 उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों से अपने पूर्वजों के साथ रोजगार की तलाश में यहां आए हैं। मजेदार बात यह है कि वे अब भोजपुरी, मैथली या गढ़वाली नहीं बोलते, बल्कि अपनी मातृभाषा न होते हुए भी ‘पंजाबी’ बोलते हैं।
पंजाबी लोग पंजाबी मीडियम से कतरा रहे हैं
जिले के शहर के आसपास के गांवों और कस्बों के स्कूलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सरकारी स्कूलों में या तो अनुसूचित जाति के छात्र पढ़ते हैं या प्रवासी श्रमिक। भारत के दूसरे राज्यों से रोजगार की तलाश में आए मजदूरों की मातृभाषा भले ही पंजाबी नहीं है, लेकिन उनके बच्चे पंजाबी माध्यम के स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
यह भी महत्वपूर्ण है कि पंजाबी माध्यम में पढ़ाई के अलावा ये छात्र अब पंजाबी को बोलचाल की भाषा के रूप में भी अपना रहे हैं। सिक्के का दूसरा लेकिन खतरनाक पहलू यह है कि बड़माजरा के मूल निवासियों के बच्चे (पंजाबियों के बच्चे) अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का स्रोत बनने के लिए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ रहे हैं। विवरण के मुताबिक बड़माजरा से मात्र 50 विद्यार्थी ही इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बाकी छात्र विशेषकर चंडीगढ़ और मोहाली के स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जहां ‘पंजाबी’ बोलने पर प्रतिबंध है और जुर्माना लगाया जाता है। ‘पंजाबी जागरण’ की टीम ने जब स्कूल में जाकर विद्यार्थियों से बातचीत की तो बोलचाल की भाषा का लहजा मानक और बहुत अच्छा था। बात करने पर यह भी पता चला कि इन छात्रों के माता-पिता ज्यादातर सब्जी की दुकानों, कारखानों में मजदूर के रूप में काम करते हैं।
शिक्षक-छात्र अनुपात सही करें
एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि बड़माजरा इस शिक्षा खंड खरड़-1 का एकमात्र स्कूल है जहां प्रति अध्यापक 40 विद्यार्थी हैं। शिक्षा विभाग द्वारा प्रति छात्र समान मापदंड एवं अनुपात बनाया गया है। कक्षा 6वीं, 7वीं, 8वीं में क्रमश: 120, 67, 98 विद्यार्थी पढ़ते हैं, जिन्हें 7 महिला शिक्षक पढ़ा रही हैं। जिले के 8 ब्लॉकों से प्राप्त स्कूलों के ब्यौरे के मुताबिक कुल 100 स्कूलों में से 76 स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या इतनी कम है कि एक सेक्शन में निर्धारित मानक से आधे भी छात्र नहीं हैं.