पंजाब न्यूज़: विदेशों में शोषण का शिकार होती हैं पंजाबी लड़कियां, विदेश मंत्रालय ने किया बड़ा खुलासा

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अरब देशों में पंजाब की महिलाएं: पंजाबियों में विदेश जाने की होड़ मची हुई है। बेशक पढ़े-लिखे युवा अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जाना पसंद करते हैं, लेकिन कई लोग अरब देशों का भी रुख कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में लड़कियां भी शामिल हैं. अरब देशों से पंजाबी लड़कियों को लेकर एक दिल दहला देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। यहां इन लड़कियों को शिकार बनाया जा रहा है. 

दरअसल, राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। सीचेवाल ने कहा कि संसद में उनके द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने दावा किया कि पिछले पांच साल में 38 हजार से ज्यादा भारतीयों को वापस लाया गया है. इनमें अधिकतर महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि अरब देशों के अंदर फंसी महिलाओं के शोषण की खबरें आई हैं.बता दें कि राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल खाड़ी देशों में पंजाब की बहन-बेटियों के शोषण को लेकर काफी गंभीर हैं। वह समय-समय पर इस गंभीर मुद्दे को लेकर सदन में लगातार आवाज उठाते रहे हैं. उनके प्रयासों से पिछले दो वर्षों में पंजाब की 100 से अधिक बेटियों और बहनों को वापस लाया गया है। उन्हें ऊंचे वेतन का झांसा देकर ट्रैवल एजेंटों ने वहां फंसाया था।

राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सवाल किया कि पिछले पांच वर्षों में कितनी भारतीय महिलाएं अरब देशों में फंसी हैं और कितने भारतीयों को वापस लाया गया है। अरब देशों में मानव तस्करी का जिक्र करते हुए केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि 9 देशों में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं. 

संत सीचेवाल द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्रालय ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान 9 अरब देशों से 38 हजार 917 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया गया है. वहां इन लोगों का शोषण किया गया. उनसे बहुत सारा काम करवाया जाता था. वहां काम का पैसा न मिलने के कारण उन्हें गुलाम बनाकर रखा जाता था और कई अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मस्कट (ओमान) से अधिकतम 17,454 भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया है। दूसरे स्थान पर सऊदी अरब है, जहां से 10,023 लोगों को सफलतापूर्वक वापस लाया गया है, इसके बाद कुवैत से 7,330, दुबई से 3,568, कतर से 239, इराक से 180, लीबिया से 83 और बहरीन से 35 लोग हैं। इन देशों में सीरिया ही एक ऐसा देश है जहां से सिर्फ पांच भारतीयों को स्वदेश लाया गया है.