पंजाब समाचार: पंजाब की मंडियों में धान की उठान ठीक से नहीं होने के मामले पर आज (मंगलवार) पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस बीच केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल कर कहा है कि 31 अक्टूबर को पंजाब और केंद्र सरकार के बीच बैठक होने वाली है, जिसमें इस मामले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी.
हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जाए क्योंकि मामला पूरे राज्य से जुड़ा है. पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है। इस दौरान पंजाब सरकार के वकील भी मौजूद थे जिन्होंने अपनी ओर से किए गए इंतजामों के बारे में बताया.
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा कि मार्च तक और चावल बांटा जाएगा. पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने केंद्र, पंजाब सरकार और एफसीआई को नोटिस जारी किया था. किसानों का संघर्ष अभी भी जारी है. हालांकि 13 नवंबर को 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, ऐसे में सभी पार्टियां किसानों के साथ खड़े होने की कोशिश कर रही हैं.
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सोमवार शाम पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की . इस टीम का नेतृत्व वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किया. उन्होंने राज्यपाल से कहा कि वे केंद्र सरकार से धान उठाव में तेजी लाने के लिए कदम उठाने को कहें. वहीं सरकार ने दावा किया था कि सोमवार शाम तक 4 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है.