लोकसभा चुनाव से पहले अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए कर्मचारी तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन ने सात मई को प्रेस बयान जारी कर कर्मचारियों को ड्यूटी कटवाने के लिए कार्यालय नहीं आने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद करीब 100 डीसी कर्मचारियों ने मेडिकल लीव के लिए आवेदन कर दिया है. इससे नाराज डीसी ने मेडिकल अवकाश आवेदन पर कड़ी आपत्ति जतायी है.
सिविल सर्जन डाॅ. नवजोत कौर को पत्र लिखकर सिविल अस्पताल में आवेदन करने वाले कर्मचारियों के मेडिकल रिकॉर्ड की दोबारा जांच करने के आदेश दिए। जिसके बाद अस्पताल में आवेदन करने वाले कर्मचारियों की मेडिकल जांच की गई. अस्पताल में मरीजों से ज्यादा कर्मचारियों की कतार थी. वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ राहुल जिंदल के नेतृत्व में डॉक्टरों की पांच सदस्यीय टीम बनाई गई है जो जांच के बाद रिपोर्ट तैयार कर सिविल सर्जन के माध्यम से डीसी को भेजेगी।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि 35 से 40 फीसदी कर्मचारी फिट पाए गए हैं. अब रिपोर्ट डीसी के पास पहुंचने के बाद फिट पाए जाने वाले कर्मचारियों पर प्रशासनिक कार्रवाई भी हो सकती है। गौरतलब है कि चुनाव ड्यूटी को लेकर अक्सर कर्मचारियों पर काफी दबाव डाला जाता है, जिससे बचने के लिए कर्मचारी तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं.