दिल्ली में हार के बाद सतर्क हुई पंजाब सरकार, 60 हजार नौकरियों और आर्थिक राहत योजनाओं का ऐलान

Bhagwant Mann 1739505141662 1739

दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार के बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार पूरी तरह अलर्ट हो गई है। पार्टी को मिले इस झटके के बाद युवाओं, सरकारी कर्मचारियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को साधने के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। पंजाब कैबिनेट ने सरकारी और निजी क्षेत्रों में 60,000 नौकरियां देने की योजना तैयार की है। इसके अलावा, कर्मचारियों को करीब 14,000 करोड़ रुपये के बकाया एरियर देने को भी मंजूरी मिल गई है।

इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों में EWS वर्ग के लिए घर उपलब्ध कराने की योजना को हरी झंडी दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली में AAP को मध्यवर्गीय और उच्च-मध्यवर्गीय वोटरों के रूठने से बड़ा नुकसान हुआ है। अब पंजाब सरकार इस वर्ग को अपनी ओर खींचने की पूरी कोशिश में जुट गई है।

वक्फ बिल के खिलाफ विपक्ष का गुस्सा, मुसलमानों को खत्म करने की साजिश

युवाओं और सरकारी कर्मचारियों को लुभाने की रणनीति

पंजाब सरकार का मानना है कि सरकारी भर्तियों और वित्तीय राहत योजनाओं से युवाओं, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आकर्षित किया जा सकता है। इसके तहत:

  • 60,000 नौकरियां देने की घोषणा, जिसमें 2,000 पद शिक्षा विभाग में होंगे।
  • 6 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी इस राहत योजना से लाभान्वित होंगे।
  • एनआरआई मामलों के निपटारे के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतों के गठन का ऐलान।

एनआरआई समुदाय के लिए विशेष अदालतें

पंजाब में बड़ी संख्या में एनआरआई समुदाय से जुड़े लोग रहते हैं, जो आम आदमी पार्टी के समर्थन आधार का एक अहम हिस्सा हैं। एनआरआई मामलों के त्वरित समाधान के लिए जालंधर, कपूरथला, नवांशहर, लुधियाना और मोगा में फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए जाएंगे। इससे एनआरआई समुदाय के भरोसे को और मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है।

दिल्ली में हार से सबक, पंजाब को “मॉडल स्टेट” बनाने की योजना

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद पंजाब को एक “मॉडल स्टेट” बनाने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। हाल ही में AAP के 91 विधायकों की बैठक हुई थी, जिसके बाद भगवंत मान ने पंजाब को “मॉडल राज्य” बनाने का ऐलान किया।

राज्य में विधानसभा चुनाव अभी दो साल दूर हैं, लेकिन सरकार के हालिया फैसले साफ इशारा कर रहे हैं कि वह अभी से तैयारी के मोड में आ गई है। दिल्ली की हार ने पार्टी को सतर्क कर दिया है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल गुजरात, गोवा और पंजाब में “दिल्ली मॉडल” को प्रमोट कर रहे थे, लेकिन दिल्ली में मिली हार के बाद अब पंजाब मॉडल पर जोर दिया जा रहा है।

AAP के लिए चुनौतियां बरकरार

हालांकि, पंजाब सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं:

  1. कर्ज में डूबा पंजाब – राज्य पहले से ही वित्तीय संकट में है, जिससे लोकलुभावनी योजनाओं को लागू करना मुश्किल हो सकता है।
  2. फ्रीबी मॉडल की विफलता – दिल्ली में फ्री योजनाओं (फ्री बिजली, पानी, बस सेवा) पर निर्भरता के बावजूद AAP को हार का सामना करना पड़ा, जिससे अब यह रणनीति सवालों के घेरे में है।
  3. इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारों की जरूरत – माना जा रहा है कि पंजाब में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कुछ बड़े ऐलान किए जा सकते हैं, ताकि सरकार का प्रदर्शन बेहतर दिखे।