ऐसा कम ही होता है कि टीम इंडिया घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज का पहला मैच हार जाए और दूसरे मैच में भी अच्छा प्रदर्शन न कर पाए। पिछले कुछ सालों में पहला टेस्ट हारने के बावजूद भारतीय टीम ने अगले मैच में शानदार वापसी की. न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में हालात कुछ अलग नजर आ रहे हैं. बेंगलुरु में पहले टेस्ट में करारी हार के बाद टीम इंडिया के सामने सीरीज बचाने की चुनौती है और जिस तरह से पुणे टेस्ट की शुरुआत हुई है वह अच्छे संकेत नहीं हैं. इससे 7 साल पुराने उस टेस्ट मैच की याद ताजा हो गई, जो इसी मैदान पर खेला गया था और टीम इंडिया हार गई थी.
पुणे टेस्ट में पहले दिन क्या हुआ?
सबसे पहले बात भारत न्यूजीलैंड टेस्ट मैच का पहला दिन. गुरुवार, 24 अक्टूबर को शुरू हुए मैच के पहले दिन न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। कीवी टीम की शुरुआत अच्छी रही और डेवोन कॉनवे, रचिन रवींद्र, विल यंग ने मिलकर टीम को 200 रन के करीब पहुंचाया। यहां रचिन रवींद्र का विकेट गिरने के बाद कीवी टीम महज 259 रन पर आउट हो गई. इसके बाद टीम इंडिया बल्लेबाजी करने उतरी लेकिन कप्तान रोहित शर्मा बिना खाता खोले आउट हो गए और टीम इंडिया ने खेल खत्म होने तक एक विकेट खोकर 16 रन बना लिए हैं.
7 साल पुराने हादसे के संकेत
अब बात करते हैं टीम इंडिया पर आने वाले खतरे की. पहला मैच 7 साल पहले 2017 में पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला गया था. ये मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच था. जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी की और 9 विकेट पर 259 रन बनाए. आख़िरकार ऑस्ट्रेलियाई पारी सिर्फ़ 260 रनों पर सिमट गई, जो न्यूज़ीलैंड के स्कोर से सिर्फ़ 1 रन ज़्यादा थी. इसके बाद टीम इंडिया पहली पारी में महज 105 रन पर आउट हो गई. संयोगवश उस पारी में भी टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली खाता खोलने में असफल रहे. यानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का पहली पारी का स्कोर लगभग बराबर है, जबकि दोनों मैचों में टीम इंडिया के कप्तान पहली पारी में 0 रन पर आउट हुए थे. अभी तक तो सब कुछ वैसा ही था, अब देखने वाली बात ये होगी कि टीम इंडिया पहली पारी में कितने रन बनाती है.
अगर भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया ने वह मैच 333 रनों के बड़े अंतर से जीता था. ऑस्ट्रेलिया की जीत में बाएं हाथ के स्पिनर स्टीव ओ’कीफ सबसे बड़े हीरो बनकर उभरे. उन्होंने दोनों पारियों में 6-6 विकेट लिए. अब अगर न्यूजीलैंड की बात करें तो इस टीम में भी मिचेल सैंटनर और अजाज पटेल के रूप में 2 बाएं हाथ के स्पिनर हैं। इन दोनों ने पहले दिन के अंत में शुबमन गिल और यशस्वी जयसवाल को परेशान किया.
क्या 12 साल बाद टूट जाएगा दबदबा?
इससे साफ हो गया है कि पहले दिन के संकेत टीम इंडिया के लिए अच्छे नहीं हैं. अब अगर टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने 7 साल पुराने टेस्ट जैसा प्रदर्शन किया तो न्यूजीलैंड यह मैच भी जीत जाएगी और फिर कुछ ऐसा होगा जो पिछले 12 साल में नहीं हुआ. करीब 12 साल बाद कोई टीम भारत आकर टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब होगी. जो आखिरी बार इंग्लैंड ने 2012 में किया था. यानी अब टीम इंडिया के बल्लेबाजों पर पहली पारी में ही बड़ा स्कोर बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि पिच पहले दिन से ही टर्न ले रही है और भारत को आखिरी पारी में बल्लेबाजी करनी है.