
कहावत है, “कौवा चला हंस की चाल, अपनी भी खो बैठा,” और पाकिस्तान ने इस कहावत का जीता-जागता उदाहरण पेश किया है। भारत के इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की तर्ज पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) की शुरुआत की थी, जिसमें उद्घाटन समारोह से लेकर मैचों तक धूमधाम थी। लेकिन मैच के दौरान स्टेडियम के बाहर खड़ी एक बाइक ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में शर्मसार कर दिया। जब फैंस ने इस बाइक के बारे में जानकारी जुटाई, तो पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अपमान का सामना करना पड़ा।
PSL का हुआ मनहूस आगाज़
पाकिस्तान क्यों दुखी है? क्यों उन्हें खुद पर शर्म आ रही है? यह सवाल खुद पाकिस्तानियों से ही पूछा जा सकता है। एक पाकिस्तानी क्रिकेट फैन ने कहा, “क्या बोलूं यार, हमारे PSL में जिसको मैन ऑफ द मैच का अवार्ड मिलेगा, उसे स्कूटी दी जाएगी। भारत में तो हर मैच में बड़े-बड़े अवार्ड दिए जाते हैं, लेकिन हमारे यहां प्लेयर ऑफ द मैच को स्कूटी मिल रही है और भारत में वही अवार्ड जीतने वाले को कार दी जाती है।” यह बात पाकिस्तानियों के मन में बैठ चुकी है कि PSL का स्तर IPL से कहीं कम है।
ओपनिंग सेरेमनी में ही किया खर्चा, बाकी पैसे हो गए कम
पाकिस्तान ने IPL के मुकाबले PSL को बड़ा और शानदार बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उद्घाटन सेरेमनी में ही इतने पैसे खर्च कर दिए गए कि टूर्नामेंट के बाकी खर्चों को पूरा करना मुश्किल हो गया। अब यह बात केवल हम नहीं कह रहे, बल्कि पाकिस्तानी खुद ही इस पर चर्चा कर रहे हैं।
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि PSL से वह बंपर कमाई करेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। स्टेडियम में बमुश्किल 200 लोग ही मैच देखने आते हैं और बिजली-पानी के खर्च तक निकालना मुश्किल हो गया है। स्थिति यह है कि PSL के लिए कोई बड़ी कमाई नहीं हो रही और मैचों का खर्च उठाना भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
‘बाइक कंधे पर उठाकर ऑस्ट्रेलिया जाएगा वॉर्नर’
पाकिस्तान का मजाक उड़ाने वाले अफगान फैंस ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “कल्पना करें कि अगर डेविड वॉर्नर मैन ऑफ द टूर्नामेंट बनते हैं, तो उन्हें एक मेड इन पाकिस्तान या मेड इन चाइना बाइक मिलेगी। ऐसी बाइक जिसे ऑस्ट्रेलिया में कोई नहीं अपनाएगा। वह बाइक डेविड वॉर्नर कंधे पर उठाकर ऑस्ट्रेलिया ले जाएंगे।” यह मजाक पाकिस्तान की मुश्किल स्थिति और उनके टूर्नामेंट की छवि को और खराब कर रहा है।
पाकिस्तानी अवाम की हकीकत और हुक्मरानों की जिम्मेदारी
पठान भाई जैसे अफगानी, जो अक्सर पाकिस्तान का मजाक उड़ाते हैं, उनके लिए पाकिस्तान की स्थिति पर टिप्पणी करना और भी आसान हो जाता है, जब पाकिस्तानी खुद अपनी टूर्नामेंट की बेइज्जती महसूस कर रहे हैं। अगर पाकिस्तान के लोग और उनके हुक्मरान इस स्थिति को सही तरीके से समझें, तो शायद भविष्य में मैन ऑफ द टूर्नामेंट को बाइक देने की नौबत न आए। पाकिस्तान को अपनी क्रिकेट और टूर्नामेंट की छवि सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े।
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