भोपाल, 1 जुलाई (हि.स.)। राहुल गांधी द्वारा संसद में दिए गए ‘हिंदू’ वाले बयान का विरोध शुरू हो गया है। उज्जैन में दिगंबर अखाड़ा के संतों ने मंगलनाथ मंदिर रोड पर इकट्ठा होकर नारेबाजी की। उन्होंने राहुल गांधी से माफी मांगने और बयान वापस लेने की मांग की। ऐसा नहीं करने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी। वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राहुल गांधी को नाक रगड़कर माफी मांगनी चाहिए।
दरअसल, राहुल गांधी ने संसद में कहा कि मोदीजी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया। इसका कारण है। ये देश अहिंसा का देश है, यह देश डर का देश नहीं है। हमारे सारे महापुरुषों ने अहिंसा की बात की। डर मिटाने की बात की। डरो मत, डराओ मत। और दूसरी तरफ शिवजी कहते हैं डरो मत, डराओ मत। और वो मुद्रा दिखाते हैं, अहिंसा की बात करते हैं। त्रिशुल को जमीन में गाड़ देते हैं। और जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा, हिंसा, हिंसा..नफरत, नफरत, नफरत..असत्य, असत्य, असत्य.. आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है, सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए। सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए। अहिंसा हमारा प्रतीक है।’
इस बयान को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार देर शाम मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राहुल के बयान से पूरा हिंदू समाज लज्जित हुआ है। हिंदुओं को हिंसक बताना उनकी ओछी मानसिकता का परिचायक है। देश में नेता प्रतिपक्ष हिंदुओं को लज्जित करेंगे, तो उन्हें कैसे बर्दाश्त कर सकता है। इस कारण राहुल गांधी को नाग रगड़कर माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी को इस बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
इटली की मानसिकता भारत में नहीं चलेगी: सारंग
वहीं, प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि राहुल गांधी का बयान आपत्तिजनक ही नहीं, शर्मनाक भी है। चुनाव के समय राहुल गांधी हिन्दू वोट के लिए खुद को जनेऊ पहनकर हिन्दू प्रदर्शित करते हैं और लोकसभा पहुंच जाते हैं तब हिन्दू धर्म का, हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करते हैं। ये इटली की मानसिकता भारत में नहीं चलेगी।
इधर, उज्जैन में राहुल गांधी के बयान को लेकर सोमवार देर शाम दिगंबर अखाड़ा के संतों ने मंगलनाथ मंदिर रोड पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। अखाड़ा के महंत शिवदास त्यागी ने कहा कि राहुल गांधी हिंदुओं को आहत करने का काम कर रहे हैं। सभी लोग राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बहिष्कार करें। 20 लाख नागा साधु सड़क पर आ गए, तो कांग्रेस को भागने के लिए जगह नहीं मिलेगी। कांग्रेस इस पर माफी मांगे। नहीं तो संत समाज सड़कों पर प्रदर्शन करेगा। अखाड़े के विनय दास महाराज ने कहा कि महाकाल की सवारी पर पत्थर कौन फेंकता है? क्या सनातनी इस तरह के काम करते हैं। अखाड़ा के संत मुनिशरण दास त्यागी ने कहा कि राहुल ने ऐसा बयान देकर अपराध किया है। इसकी निंदा करते हैं। आम आदमी को भी इसका विरोध करना चाहिए।