जोधपुर, 19 सितम्बर (हि.स.)। आरएएस अधिकारी प्रियंका बिश्नोई के निधन के बाद बिश्नोई समाज के लोगों में आक्रोश नजर आ रहा है। समाज के लोग गुरुवार सुबह ही जोधपुर एम्स मोर्चरी के बाहर पहुंच गए और अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने व परिवार वालों ने वसंधुरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने और समाज के लोगों ने आरोपित डॉक्टर व वसुंधरा हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इधर बिश्नोई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिय़ा ने इस मामले की मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग की है। परिजनों व समाज के लोगों ने शव उठाने से मना कर दिया। बाद में पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज की समझाइश व नए कानून के अनुसार निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बाद वह शव ले जाने पर तैयार हुए। इसके बाद पोस्टमार्टम करवाकर शव सौंप दिया गया।
आरएएस अधिकारी प्रियंका बिश्नोई का शव आज सुबह करीब साढ़े आठ बजे जोधपुर एम्स में पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया। इस दौरान यहां समाज के भारी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। उन्होंने वसुंधरा अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि एफआईआर के बाद जो जांच होगी उसमें दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने शव उठाने से इनकार कर दिया। इस पर पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज, एसीपी छवि शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी वहां पहुंचे। अधिकारियों ने उनसे समझाइश की। उन्होंने बताया कि नए कानून व नई व्यवस्था में अस्पताल या डॉक्टर के खिलाफ बिना जांच के मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। जो कमेटी जांच कर रही है, वो मृतका के परिजनों से भी मिलेगी। कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद परिजन शव उठाने को तैयार हुए। वह शव को अंतिम संस्कार के लिए फलोदी के सुरपुरा में ले गए है। वहां प्रियंका का ससुराल है। बता दे कि उन्हें पेट में दर्द होने की शिकायत थी। उन्हें डॉक्टरों ने बच्चेदानी में गांठ होना बताया था। इलाज के लिए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी। इसी के चलते वसुंधरा हॉस्पिटल में पांच सितंबर को भर्ती करवाया गया था। इसी दिन शाम को डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया था। अगले दिन छह सितंबर को तबीयत बिगडऩे लगी। हालात में सुधार नहीं हुआ तो सात सितंबर को परिवार वाले अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल ले गए, जहां 18 सितंबर की रात को प्रियंका ने दम तोड़ दिया।
कलेक्टर ने दिए थे जांच के आदेश
प्रियंका के ससुर सेईराम बिश्नोई ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। आरोप है कि उन्हें एनेस्थिसिया (बेहोशी की दवा) ज्यादा दे दिया या खून ज्यादा बह गया। इसलिए हालत बिगड़ गई। सात सितंबर को उनका अहमदाबाद ले जाया गया था। जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मंगलवार को डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल को एक कमेटी बनाकर इस संबंध में जांच करने और तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे। प्रिंसिपल डॉ. भारती सरस्वत ने पांच डॉक्टरों की टीम गठित की थी। टीम में गायनी विभाग से डॉ. रंजना देसाई, मेडिसिन से डॉ. इंदू थावानी, सर्जरी से डॉ. विजय शर्मा, न्यूरोलॉजी से डॉ.शुभकरण खींचड़, एनेस्थीसिया से डॉ. नवीन पालीवाल को शामिल किया गया था।
केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री ने जताया दुख
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर बिश्नोई की मौत पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा है कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा की युवा अधिकारी श्रीमती प्रियंका बिश्नोई जी के देहावसान का समाचार जानकर दुखी हूं। उन्होंने जोधपुर एसडीएम के कर्तव्य का निर्वहन भी किया था। प्रियंका जी की आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना है। उनके परिवार को इस शोक से उबरने का सामथ्र्य प्राप्त हो।
वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी उनकी मृत्यु पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रियंका बिश्नोई जी का निधन अत्यंत दु:खद है। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा परिजनों को यह शोक सहन करने का सामथ्र्य प्रदान करें।
निजी अस्पताल की सुरक्षा बढ़ाई
आरएएस अधिकारी प्रियंका बिश्नोई के निधन के बाद बिश्नोई समाज के आक्रोश को देखते हुए ऐहतियात के तौर पर बुधवार देर रात वसुंधरा अस्पताल और संचालक के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। वहां पुलिस व आरएसी तैनात की गई है। थानाधिकारी नितिन दवे ने बताया कि ऐहतियातन पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। चेतक को अस्पताल का लगातार राउण्ड लगाने को कहा गया है।