जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति को लेकर सोमवार को व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता और श्रीनगर से लोकसभा सदस्य आगा रूहुल्ला मेहदी ने इस मुद्दे को तर्कसंगत बनाने की मांग की और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आवास के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
आरक्षण नीति पर विवाद: मौजूदा स्थिति
- अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद लागू नई आरक्षण नीति के तहत:
- सामान्य श्रेणी की सीटें घटकर 30% रह गई हैं।
- 70% सीटें विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षित कर दी गई हैं।
- पहाड़ी भाषी लोगों को भी आरक्षण का लाभ दिया गया है।
- प्रभावित वर्ग:
- मेडिकल और सर्जिकल ट्रेनिंग कर रहे छात्रों सहित कई कोर्स के छात्र इस नीति का विरोध कर रहे हैं।
विपक्षी नेताओं का समर्थन
आरक्षण नीति के खिलाफ इस विरोध प्रदर्शन को कई राजनेताओं का समर्थन मिला:
- शेख अब्दुल रशीद (बारामूला से सांसद):
- इंजीनियर रशीद ने इस आंदोलन का समर्थन किया।
- पीडीपी नेता वहीद पारा और इल्तिजा मुफ्ती:
- दोनों ने एनसी नेता के कदम की सराहना की।
- मीरवाइज उमर फारूक (हुर्रियत कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष):
- मीरवाइज ने कहा,
“आरक्षण के मुद्दे को न्याय और निष्पक्षता के साथ हल करना जरूरी है।”
- उन्होंने आरक्षण के कारण सामान्य श्रेणी के हितों के हनन पर भी चिंता जताई।
- मीरवाइज ने कहा,
- आवामी इत्तेहाद पार्टी:
- विधायक शेख खुर्शीद और प्रवक्ता इनाम उन नबी ने भी इस विरोध में भाग लिया।
मीरवाइज उमर फारूक का बयान
मीरवाइज ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“आरक्षण नीति की वर्तमान स्थिति समाज के कुछ वर्गों के हितों को प्रभावित कर रही है। यह महत्वपूर्ण है कि सभी वर्गों के हितों की रक्षा हो और समस्याओं का समाधान किया जाए।”
उन्होंने प्रशासन से प्रदर्शन में शामिल होने की अनुमति मांगी।
सरकार का रुख
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार ने आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए एक उप-समिति का गठन किया है।
- सरकारी बयान:
- “हम अदालत के निर्देशों का पालन करेंगे।”
- उप-समिति का गठन दिखाता है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है, लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांगें पूरी तरह से स्वीकार की जाएंगी या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है।
प्रदर्शन और समर्थन की अहमियत
- यह विरोध प्रदर्शन न केवल आरक्षण नीति पर असंतोष का संकेत देता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि यह मुद्दा विभिन्न राजनीतिक दलों को एक साथ लाने में सक्षम है।
- पलटवार:
- एनसी नेता रूहुल्ला का अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ यह कदम दर्शाता है कि इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर भी असंतोष है।