मीरजापुर, 03 दिसम्बर (हि.स.)। मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय के पहले कुलपति के रूप में बाबा गोरक्षनाथ धाम की मातृशक्ति प्रो. शोभा गौर ने मंगलवार को जगत जननी मां विंध्यवासिनी के चरणों में शीश झुका कर अपना कार्यभार ग्रहण किया। इस पवित्र अवसर पर उनके साथ विंध्याचल मंडल के अपर आयुक्त और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विश्राम यादव भी उपस्थित रहे।
प्रो. शोभा गौर का यह कार्यभार ग्रहण विश्वविद्यालय की नई दिशा और क्षेत्रीय शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। प्रो. गौर ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा कि मां विंध्यवासिनी के आशीर्वाद से मैं इस पवित्र भूमि पर अपने कर्तव्यों का पालन करूंगी और विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाऊंगी। मां विंध्यवासिनी के आशीर्वाद से यह विश्वविद्यालय न केवल क्षेत्रीय शिक्षा के उत्थान में अहम भूमिका निभाएगा, बल्कि भारत की शैक्षिक धारा में एक नई दिशा भी स्थापित करेगा। उन्हाेंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा, अनुसंधान और तकनीकी विकास को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे देश की भविष्य पीढ़ी को एक नई ऊर्जा मिलेगी और वह विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सकेंगे।
इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का भी जिक्र किया, जो विंध्याचल क्षेत्र के विकास को नई दिशा देगा। विंध्य कॉरिडोर के माध्यम से इस क्षेत्र में पर्यटन, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में कई नए अवसर पैदा होंगे, जिससे पूरे देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा। प्रो. शोभा गौर की कुलपति के रूप में नियुक्ति और विंध्य कॉरिडोर की योजनाओं के संयोजन से यह स्पष्ट है कि विंध्याचल का क्षेत्र अब न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि शैक्षिक और आर्थिक दृष्टि से भी देश के प्रमुख केंद्रों में शामिल होगा।
डॉ. विश्राम यादव ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है, जहां विंध्याचल के विकास के लिए एक नई शुरुआत हो रही है। हम सभी यहां मिलकर इस विश्वविद्यालय को एक आदर्श संस्थान बनाने की दिशा में काम करेंगे।