प्रो मज़हर आसिफ़ ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति का कार्यभार संभाला

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। प्रोफेसर मज़हर आसिफ़ ने शुक्रवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के 16वें कुलपति के तौर पर कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार संभालने के बाद आसिफ़ ने कहा कि विश्वविद्यालय को सर्वोच्च स्थान पर ले जाना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है।

कुलपति कार्यालय परिसर में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। ज्वाइनिंग के तुरंत बाद वह यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थित ब्रिगेडियर उस्मान की समाधि पर गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। ब्रिगेडियर उस्मान को “नौशेरा का शेर” के नाम से भी जाना जाता है। वह भारतीय सेना में एक उच्च पदस्थ अधिकारी थे। उन्होंने 1947-48 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में वीरगति पायी थी।

प्रोफेसर मजहर आसिफ ने देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और जेएमआई के संस्थापक सदस्य डॉ. एम.ए. अंसारी को विश्वविद्यालय परिसर में स्थित उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।

कुलपति ने कुलपति कार्यालय के बैठक हॉल में डीन, कार्यवाहक रजिस्ट्रार और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इसके साथ ही उन्होंने पूरे प्रशानिक ब्लॉक का दौरा किया और विभिन्न कार्यालयों में जाकर गैर- शिक्षण कर्मचारियों से भी मुलाक़ात की।

इस दौरान कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ़ ने कहा कि विश्वविद्यालय को सर्वोच्च स्थान पर ले जाना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह छात्र और कर्मचारी केंद्रित व्यक्ति हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अच्छा रहन-सहन, भोजन, सुरक्षा उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि वह आलोचना का स्वागत करते हैं लेकिन बेहतर सुझावों और समाधानों की भी उम्मीद करता हूं, इसलिए समस्या के साथ आएं तो बेहतर विकल्पों और समाधानों के बारे में भी सोचें।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की विजिटर द्रौपदी मुर्मु ने 24 अक्टूबर को जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज के संकाय सदस्य प्रो मजहर आसिफ को जेएमआई का कुलपति नियुक्त किया था। उन्हें उनके कार्यालय में प्रवेश करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि के लिए या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो के लिए नियुक्त किया गया है।