नई दिल्ली: लोकसभा में संविधान पर हुई चर्चा के दौरान, वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने पहले भाषण से सभी का ध्यान खींचा। संयम, परिपक्वता, और ज्वलंत मुद्दों पर बेबाकी से बात करते हुए प्रियंका ने मर्यादा का पूरा ध्यान रखा। उनके प्रभावशाली और संतुलित भाषण ने संसद में गरिमा बनाए रखी, भले ही सियासी गर्मी अपने चरम पर थी।
कांग्रेस को मिला एक प्रखर वक्ता
प्रियंका गांधी ने आम लोगों के मुद्दे, सांप्रदायिक हिंसा और सत्ता के निरंकुश व्यवहार पर बेझिझक अपनी बात रखी। उन्होंने संसदीय शिष्टाचार के भीतर रहते हुए सहज और सरल हिंदी में अपनी बात कही। उनके इस अंदाज ने कांग्रेस को लंबे समय बाद एक प्रभावशाली वक्ता मिलने की उम्मीद जगाई है। प्रियंका की संवाद शैली में विनम्रता और मजबूती दोनों नजर आईं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के हमले का संयमित जवाब
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस पर तीखे हमले किए थे। इसके बाद कांग्रेस के पलटवार की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में वेदों, पुराणों और उपनिषदों का उल्लेख कर चर्चा को एक सकारात्मक दिशा में मोड़ दिया। उन्होंने वाद-विवाद और संवाद को देश की संस्कृति बताया, जिससे सत्तापक्ष के तेवर नरम हो गए।
संवैधानिक हकों पर हमले के मुद्दे उठाए
प्रियंका गांधी ने संभल में सांप्रदायिक हिंसा, मणिपुर हिंसा, और हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के मामलों को संवैधानिक अधिकारों पर प्रहार बताया। उन्होंने इन गंभीर मुद्दों को इतनी सहजता और मजबूती से उठाया कि सत्तापक्ष इसका प्रतिवाद नहीं कर सका। उनके इस भाषण के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा होने लगी कि गांधी परिवार में एक नई इंदिरा गांधी की छवि उभर रही है।
राहुल गांधी और सोनिया गांधी की तुलना
प्रियंका गांधी का भाषण सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अंदाज से अलग था। जहां सोनिया गांधी आमतौर पर चुप्पी साधे रहती थीं, वहीं राहुल गांधी के भाषणों में आक्रामकता अधिक होती है। प्रियंका ने संयम और सटीकता के साथ अपनी बात रखी। विपक्ष की चौथी पंक्ति की सीट से दिए गए उनके पहले भाषण पर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की निगाहें टिकी हुई थीं।
भाषण में टकराव से बचते हुए प्रभावी प्रस्तुति
प्रियंका गांधी के भाषण की सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने टकराव की बजाय तार्किक और प्रभावी ढंग से अपनी बात रखी। उनकी शैली इतनी संयमित थी कि सत्तापक्ष को हंगामा या व्यवधान का कोई मौका नहीं मिला। उनके इस अंदाज की सदन में सराहना की गई।
परिवार की मौजूदगी और भावनात्मक क्षण
प्रियंका गांधी का भाषण खत्म होने के बाद, नेता विपक्ष राहुल गांधी उनके पास गए और गले लगाकर बधाई दी। कांग्रेस के अन्य सांसदों ने भी उनके भाषण की तारीफ की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा, और उनके बेटे रेहान दर्शक दीर्घा में मौजूद थे।