स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने एनएचएम के तहत संचालित कार्यों की समीक्षा की

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रांची , 19 नवंबर (हि.स.)। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, अजय कुमार सिंह ने कहा है कि राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहे हैंए जिसका सुखद परिणाम देखने को मिल रहा है। राज्य में मातृत्व मृत्यु दर 56 है जबकि राष्ट्रीय औसत 97 है। झारखण्ड का शिशु मृत्यु दर 25 है जबकि राष्ट्रीय औसत 27 है। राष्ट्रीय औसत से राज्य का प्रदर्शन बेहतर है, जो किए जा रहे कार्यो का सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है।

प्रधान सचिव मंगलवार को नामकुम स्थित आरसीएच सभागार मेें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यभर में किए जा रहे कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड के अभियान निदेशक अबु इमरान ने प्रधान सचिव को बताया कि टी.बी. उन्मूलन की दिशा में बेहतर कार्य हो रहा है। आई.सी.एम.आर. के निदेशानुसार राज्य के 12 चयनित जिलों में 1 लाख 82 हजार 156 योग्य लाभुकों को एडल्ट बीसीजी का टीका लगाया गया है। गांव स्तर पर अभियान चलाकर 52,666 टीबी के नए मरीज खोजे गए है, जिसका समुचित इलाज किया जा रहा है। वर्ष 2025 तक टी.बी उन्मूलन का लक्ष्य है, जिसे प्राप्त करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाए जा रहे हैं। 3035 निःक्षय मित्रों के सहयोग से 56,657 टीबी मरीजों को फूड बास्केट उपलब्ध कराए गए हैं।

प्रधान सचिव ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएमएबीएचआईएम) और 15वें वित्त के लिए नोडल और समन्वयक को अलग से जिम्मेवारी सौपने का निर्देश दिया, ताकि कार्यक्रम का सफल संचालन किया जा सके। साथ ही कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड के कर्मचारी अनुबंध पर हैं, लेकिन वे स्वास्थ्य विभाग के बैकबोन हैं। इसे और मजबूत करने की जरूरत है।

उन्होंने एचआर पाॅलिसी जल्द तैयार करने का भी निर्देश दिया। कर्मचारी हित को ध्यान में रखते हुए उन्होने पीएफ की सुविधा देने के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को विवरणी भेजने, आरसीएच परिसर में डिस्पेंसरी बनाने और कर्मचारियों के आवासन के लिए अन्यान्य व्यवस्था करने पर सहमति व्यक्त की। इसके पूर्व अभियान निदेशक अबु इमरान ने पौधा देकर प्रधान सचिव का स्वागत किया।

प्रधान सचिव ने राज्य में लागू आदर्श आचार संहिता के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कराने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि किसी परीक्षा एजेंसी के बजाय रिक्रूटमेंट बोर्ड का गठन कर मेरिट बेसिस पर नियुक्ति विभाग स्वयं कराएं। उन्होंने नियुक्ति के नियमों को एचआर पाॅलिसी में भी डालने का निर्देश दिया।