काठमांडू, 12 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ संसद में विश्वास मत हासिल करने के दौरान पराजित हो गए हैं। विश्वास मत खोने के साथ ही प्रचंड 18 माह बाद सत्ता से बाहर हो गए हैं। राष्ट्रपति कानूनी परामर्श ले रहे हैं और नई सरकार का गठन आज ही किए जाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री प्रचंड ने आज प्रतिनिधि सभा में अपना विश्वास हासिल करने के लिए प्रस्ताव रखा। विश्वास मत के पक्ष में सिर्फ 63 सांसदों ने मतदान किया, जबकि विश्वास मत के विरोध में 194 सांसदों ने वोट डाला। विश्वास मत में पराजित होने के साथ ही संवैधानिक प्रावधानों के तहत प्रचंड 18 माह बाद सत्ता से बाहर हो गए हैं। विश्वास मत के दौरान माओवादी, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और एकीकृत समाजवादी पार्टी के सांसदों ने उनके पक्ष में मतदान किया। नेपाली कांग्रेस, नेकपा एमाले, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी, जनमत पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के सांसदों ने विपक्ष में मतदान किया।
मतविभाजन के क्रम में सदन में कुल 258 सांसदों की उपस्थिति रही। सदन में उपस्थित नेपाल मजदूर किसान पार्टी के एक सांसद ने खुद को मतदान प्रक्रिया से अलग रखा। राष्ट्रीय जनमोर्चा, आम जनता पार्टी और दो स्वतंत्र सांसद मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। अब इसके बाद राष्ट्रपति की तरफ से नई सरकार का गठन किए जाने की तैयारी है। इसके लिए राष्ट्रपति ने संविधान विशेषज्ञों को राष्ट्रपति भवन में विचार विमर्श के लिए बुलाया है। नेपाल के संविधान के मुताबिक गठबन्धन सरकार के असफल होने के बाद सबसे बड़ी पार्टी के संसदीय दल के नेता को प्रधानमंत्री बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने का प्रावधान है।