प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी 2025 में फ्रांस के दौरे पर जाएंगे, जहां वह 10-11 फरवरी को पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समिट में हिस्सा लेंगे। इस दौरे का उद्देश्य एआई के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पुष्टि की है कि यह दौरा दोनों देशों के तकनीकी और रणनीतिक संबंधों को नई मजबूती प्रदान करेगा।
दौरे के दौरान हो सकते हैं दो बड़े रक्षा सौदे
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और फ्रांस इस दौरान दो बड़े रक्षा समझौतों को अंतिम रूप दे सकते हैं। इनकी अनुमानित लागत 10 अरब डॉलर से अधिक हो सकती है।
- 26 राफेल-एम फाइटर जेट्स की खरीद – भारतीय नौसेना के लिए।
- तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का सौदा।
इन सौदों को लेकर जल्द ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) से मंजूरी मिलने की संभावना है। ये समझौते भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेंगे।
राफेल-एम और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की आवश्यकता
राफेल-एम फाइटर जेट्स
- भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में दो विमानवाहक पोत हैं—आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत।
- इन पोतों के लिए राफेल-एम फाइटर जेट्स बेहद आवश्यक हैं।
- प्रस्तावित सौदे में 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्रेनर जेट्स शामिल होंगे।
स्कॉर्पीन पनडुब्बियां
- तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के पनडुब्बी बेड़े को मजबूत करेंगी।
- ये पनडुब्बियां फ्रांस की नेवल ग्रुप और भारत की मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा बनाई जाएंगी।
- पहली पनडुब्बी के 2031 तक डिलीवर होने की उम्मीद है।
- यह सौदा महत्वपूर्ण है, क्योंकि नौसेना का वर्तमान पनडुब्बी बेड़ा पुराने उपकरणों से लैस है और प्रोजेक्ट-75I के तहत छह नई एडवांस पनडुब्बियों की खरीद में देरी हो रही है।
एआई समिट: मुख्य एजेंडा
फ्रांस में आयोजित एआई समिट का उद्देश्य एआई को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से लाभकारी बनाना है।
- प्रधानमंत्री मोदी समिट में भारत के एआई क्षेत्र में योगदान और नीतियों पर चर्चा करेंगे।
- यह समिट भारत को एआई के वैश्विक मंच पर अग्रणी भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगा।
स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘वागशीर’ का कमीशन
प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस दौरे से पहले, 15 जनवरी 2025 को मुंबई में स्कॉर्पीन श्रेणी की छठी पनडुब्बी ‘वागशीर’ को कमीशन करेंगे।
- इस समारोह में दो अन्य प्रमुख सैन्य प्लेटफॉर्म को भी शामिल किया जाएगा।
भारतीय नौसेना प्रमुख का बयान
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा है कि राफेल-एम और स्कॉर्पीन सौदे अंतिम चरण में हैं और फरवरी तक इन पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- राफेल-एम सौदा: विमानवाहक पोतों की युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए।
- स्कॉर्पीन पनडुब्बियां: नौसेना के बेड़े को आधुनिक बनाने का प्रयास।
- एआई समिट: भारत-फ्रांस के तकनीकी संबंधों को गहरा करने का अवसर।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और फ्रांस के रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फरवरी में फ्रांस दौरा: एआई समिट और रक्षा सौदों पर रहेगा फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी 2025 में फ्रांस के दौरे पर जाएंगे, जहां वह 10-11 फरवरी को पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समिट में हिस्सा लेंगे। इस दौरे का उद्देश्य एआई के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पुष्टि की है कि यह दौरा दोनों देशों के तकनीकी और रणनीतिक संबंधों को नई मजबूती प्रदान करेगा।
दौरे के दौरान हो सकते हैं दो बड़े रक्षा सौदे
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और फ्रांस इस दौरान दो बड़े रक्षा समझौतों को अंतिम रूप दे सकते हैं। इनकी अनुमानित लागत 10 अरब डॉलर से अधिक हो सकती है।
- 26 राफेल-एम फाइटर जेट्स की खरीद – भारतीय नौसेना के लिए।
- तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का सौदा।
इन सौदों को लेकर जल्द ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) से मंजूरी मिलने की संभावना है। ये समझौते भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेंगे।
राफेल-एम और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की आवश्यकता
राफेल-एम फाइटर जेट्स
- भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में दो विमानवाहक पोत हैं—आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत।
- इन पोतों के लिए राफेल-एम फाइटर जेट्स बेहद आवश्यक हैं।
- प्रस्तावित सौदे में 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्रेनर जेट्स शामिल होंगे।
स्कॉर्पीन पनडुब्बियां
- तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के पनडुब्बी बेड़े को मजबूत करेंगी।
- ये पनडुब्बियां फ्रांस की नेवल ग्रुप और भारत की मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा बनाई जाएंगी।
- पहली पनडुब्बी के 2031 तक डिलीवर होने की उम्मीद है।
- यह सौदा महत्वपूर्ण है, क्योंकि नौसेना का वर्तमान पनडुब्बी बेड़ा पुराने उपकरणों से लैस है और प्रोजेक्ट-75I के तहत छह नई एडवांस पनडुब्बियों की खरीद में देरी हो रही है।
एआई समिट: मुख्य एजेंडा
फ्रांस में आयोजित एआई समिट का उद्देश्य एआई को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से लाभकारी बनाना है।
- प्रधानमंत्री मोदी समिट में भारत के एआई क्षेत्र में योगदान और नीतियों पर चर्चा करेंगे।
- यह समिट भारत को एआई के वैश्विक मंच पर अग्रणी भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगा।
स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘वागशीर’ का कमीशन
प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस दौरे से पहले, 15 जनवरी 2025 को मुंबई में स्कॉर्पीन श्रेणी की छठी पनडुब्बी ‘वागशीर’ को कमीशन करेंगे।
- इस समारोह में दो अन्य प्रमुख सैन्य प्लेटफॉर्म को भी शामिल किया जाएगा।
भारतीय नौसेना प्रमुख का बयान
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा है कि राफेल-एम और स्कॉर्पीन सौदे अंतिम चरण में हैं और फरवरी तक इन पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- राफेल-एम सौदा: विमानवाहक पोतों की युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए।
- स्कॉर्पीन पनडुब्बियां: नौसेना के बेड़े को आधुनिक बनाने का प्रयास।
- एआई समिट: भारत-फ्रांस के तकनीकी संबंधों को गहरा करने का अवसर।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और फ्रांस के रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फरवरी में फ्रांस दौरा: एआई समिट और रक्षा सौदों पर रहेगा फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी 2025 में फ्रांस के दौरे पर जाएंगे, जहां वह 10-11 फरवरी को पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समिट में हिस्सा लेंगे। इस दौरे का उद्देश्य एआई के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पुष्टि की है कि यह दौरा दोनों देशों के तकनीकी और रणनीतिक संबंधों को नई मजबूती प्रदान करेगा।
दौरे के दौरान हो सकते हैं दो बड़े रक्षा सौदे
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और फ्रांस इस दौरान दो बड़े रक्षा समझौतों को अंतिम रूप दे सकते हैं। इनकी अनुमानित लागत 10 अरब डॉलर से अधिक हो सकती है।
- 26 राफेल-एम फाइटर जेट्स की खरीद – भारतीय नौसेना के लिए।
- तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का सौदा।
इन सौदों को लेकर जल्द ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) से मंजूरी मिलने की संभावना है। ये समझौते भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेंगे।
राफेल-एम और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की आवश्यकता
राफेल-एम फाइटर जेट्स
- भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में दो विमानवाहक पोत हैं—आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत।
- इन पोतों के लिए राफेल-एम फाइटर जेट्स बेहद आवश्यक हैं।
- प्रस्तावित सौदे में 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्रेनर जेट्स शामिल होंगे।
स्कॉर्पीन पनडुब्बियां
- तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के पनडुब्बी बेड़े को मजबूत करेंगी।
- ये पनडुब्बियां फ्रांस की नेवल ग्रुप और भारत की मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा बनाई जाएंगी।
- पहली पनडुब्बी के 2031 तक डिलीवर होने की उम्मीद है।
- यह सौदा महत्वपूर्ण है, क्योंकि नौसेना का वर्तमान पनडुब्बी बेड़ा पुराने उपकरणों से लैस है और प्रोजेक्ट-75I के तहत छह नई एडवांस पनडुब्बियों की खरीद में देरी हो रही है।