प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 24 दिसंबर, को अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ यूनियन बजट 2025 पर महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे। यह बैठक बजट से पहले विभिन्न सुझावों और राय को समझने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट पेश करेंगी। इस चर्चा में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी और अन्य प्रमुख सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि बैठक में देश की आर्थिक वृद्धि को तेज करने और अन्य अहम मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श होगा।
बजट 2025: ग्रोथ बढ़ाने पर विशेष ध्यान
वित्तमंत्री का लगातार 8वां बजट
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवीं बार यूनियन बजट पेश करेंगी।
- बजट 2025 ऐसे समय में आ रहा है जब GDP ग्रोथ में गिरावट दर्ज की गई है।
- FY24 की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ घटकर 5.4% पर आ गई थी।
- इस बजट में आर्थिक सुधार और ग्रोथ बढ़ाने वाले उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सभी वर्गों की उम्मीदें
- किसानों, उद्योग जगत और आम आदमी के साथ-साथ टैक्सपेयर्स की नजरें बजट पर टिकी हैं।
- इनकम टैक्स के नए नियमों को लेकर बड़ी उम्मीदें जताई जा रही हैं।
- वित्तमंत्री ने जुलाई में यूनियन बजट पेश करते समय डायरेक्ट टैक्स कोड की समीक्षा की बात कही थी, जिसे इस बजट में शामिल किए जाने की संभावना है।
कैपिटल एक्सपेंडिचर पर जोर
प्रधानमंत्री की चर्चा के मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक का मुख्य फोकस होगा:
- GDP ग्रोथ: अर्थशास्त्रियों से GDP में सुधार के उपायों पर सुझाव लेना।
- कैपिटल एक्सपेंडिचर: सरकार की ओर से पूंजीगत खर्च बढ़ाने की योजनाओं पर चर्चा।
- विशेषज्ञों से जानना कि ग्रोथ रेट तेज करने के लिए सरकारी निवेश और अन्य प्रयासों को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
बजट पूर्व चर्चा: राज्यों की भागीदारी
वित्तमंत्री की राज्यों के साथ बैठक
20 दिसंबर को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व चर्चा की।
- कई राज्यों ने आर्थिक दबाव के चलते सरकार से वित्तीय पैकेज की मांग की।
- हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बजट में राज्यों के लिए किसी बड़े पैकेज की घोषणा की संभावना कम है।
इकोनॉमी से जुड़े सेगमेंट से संवाद
बजट से पहले विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी चर्चाएं पिछले कई महीनों से जारी हैं।
- इसका उद्देश्य आर्थिक सुधार के लिए बेहतर नीतियां और उपाय तैयार करना है।
आर्थिक सुधार और भविष्य की रणनीति
GDP सुधार के उपाय:
प्रधानमंत्री और विशेषज्ञ इस बात पर चर्चा करेंगे कि कैपिटल एक्सपेंडिचर, निजी निवेश, और आयात-निर्यात नीतियों के जरिए आर्थिक वृद्धि को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है।
राज्यों के लिए संतुलित विकास:
- राज्यों की आर्थिक मांगों को ध्यान में रखते हुए बजट में वित्तीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश होगी।
- विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा जहां आर्थिक दबाव अधिक है।