नई दिल्ली, 18 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन स्थापित करने की ब्राजील की पहल का स्वागत किया और कहा कि दुनिया में चल रहे संघर्षों से उत्पन्न खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकटों से वैश्विक दक्षिण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में हमें इन विकासशील देशों की चिंताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्राज़ील में आज ‘सामाजिक समावेशन तथा भूख और गरीबी के विरुद्ध लड़ाई’ विषय पर जी-20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
इसमें प्रधानमंत्री ने अफ्रीका और अन्य जगहों पर खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी का “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” का आह्वान रियो में होने वाली बातचीत में गूंज रहा है।
प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने तथा अपने शानदार आतिथ्य के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला दा सिल्वा को धन्यवाद दिया। उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों पर केंद्रित ब्राजील के जी-20 एजेंडे की सराहना की तथा कहा कि इस दृष्टिकोण ने वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को उजागर किया तथा नई दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन के जन-केंद्रित निर्णयों को आगे बढ़ाया।
भूख और गरीबी से निपटने के लिए भारत की पहलों के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले दस वर्षों में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और देश में 800 मिलियन लोगों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित कर रहा है। खाद्य सुरक्षा से निपटने में भारत की सफलता के बारे में प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ‘बैक टू बेसिक्स और मार्च टू फ्यूचर’ पर आधारित उसका दृष्टिकोण परिणाम दे रहा है। उन्होंने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए उपायों के बारे में विस्तार से बताया।