Primary Health Center : ये क्या चल रहा है UP में? PHC में डिलीवरी नहीं, पर बर्थ सर्टिफिकेट बांट रहे, पुलिस ने छेड़ा जांच
News India Live, Digital Desk: अरे, यह ख़बर उत्तर प्रदेश से आई है जो थोड़ी चौंकाने वाली और सोचने पर मजबूर करने वाली है. यहां एक नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में कुछ ऐसा सामने आया है जिस पर यक़ीन करना मुश्किल हो रहा है. इस पीएचसी में बच्चे की डिलीवरी नहीं होती, यानी यहां जन्म होते ही बच्चों को गोद में लेकर मुस्कुराने वाले पल नहीं बनते, लेकिन इसके बावजूद यहां से जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificates) जारी किए जा रहे हैं! जी हां, आपने ठीक सुना, बिना डिलीवरी के बर्थ सर्टिफिकेट! अब इस मामले में पुलिस जांच कर रही है.
सोचिए ज़रा, जहां जन्म प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को पारदर्शी और सही होना चाहिए, वहीं अगर ऐसा हेरफेर हो रहा है, तो ये सीधे-सीधे क़ानून का मज़ाक है और एक बड़ी ग़लत गतिविधि की तरफ़ इशारा करता है. नया बना ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अभी पूरी तरह से काम करना शुरू नहीं कर पाया है और ऐसी सुविधाएँ नहीं देता जहां बच्चों का जन्म हो सके, तो फिर यहां से सर्टिफिकेट कैसे बन रहे हैं, ये सवाल प्रशासन और आम जनता के दिमाग में भी है.
ख़बर के मुताबिक, जब ये बात सामने आई तो हड़कंप मच गया. पुलिस अब इसकी तहकीकात कर रही है कि आखिर कौन लोग इस पूरे फर्जीवाड़े में शामिल हैं, और बिना बच्चों के जन्म के सर्टिफिकेट कैसे बन रहे हैं. यह संभवतः एक बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकता है जहां सरकारी कागज़ात का ग़लत इस्तेमाल किया जा रहा है. जन्म प्रमाण पत्र एक बहुत ही ज़रूरी दस्तावेज़ होता है जो बच्चे के भविष्य से जुड़ा होता है – स्कूल में दाखिले से लेकर हर पहचान पत्र तक में इसकी ज़रूरत पड़ती है.
इस मामले से सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठते हैं और लोग सोच रहे हैं कि आख़िर ऐसे काम को अंजाम देने वाले कौन हो सकते हैं. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इस तरह के फ़र्ज़ी काम को रोका जा सके और दोषियों को सजा मिल सके. यह उन लोगों के लिए एक गंभीर चेतावनी है जो सरकारी सुविधाओं का ग़लत इस्तेमाल करते हैं.
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