कराची के हनुमान मंदिर के पुजारी ने पाकिस्तान सेना के समर्थन की सराहना की

Pankaj Kumar Singh 1740019055

अयोध्या:पाकिस्तान के कराची स्थित सबसे बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी, राम नाथ मिश्रा, ने कहा है कि पाकिस्तान की सेना ने देश में चरमपंथी संगठनों के खिलाफ हिंदुओं का समर्थन किया है। अयोध्या की यात्रा पर आए मिश्रा ने कराची में पंचमुखी हनुमान मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ संघर्ष को याद करते हुए बताया कि विभाजन के समय 25,000 वर्ग फीट में फैले इस मंदिर की भूमि का अधिकांश हिस्सा अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया था। हालांकि, 2018 में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद यह अतिक्रमण हटा दिया गया।

‘मंदिर की भूमि के लिए लंबी लड़ाई लड़ी’

राम नाथ मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने अपने मंदिर की भूमि के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। कई कट्टरपंथी संगठनों ने विरोध किया, लेकिन हमने पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय में अपील कर विभाजन से पहले की भूमि को वापस दिलाने की मांग की।’’ उन्होंने आगे बताया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने हमारे पक्ष में निर्णय सुनाया और जिहादी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान सेना और सरकार ने इस फैसले को तेजी से लागू किया।’’

पाकिस्तान सरकार से मंदिर के विकास की अपील

मिश्रा ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हिंदू मंदिरों और अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। अदालत ने सरकार को निर्देश दिया है कि सभी अतिक्रमित पूजा स्थलों को मुक्त कराकर अल्पसंख्यकों को सौंपा जाए।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया है कि मंदिर को एक भव्य संरचना के रूप में विकसित किया जाए, जिससे दुनियाभर से पर्यटक आकर्षित हों और इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो।’’

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भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की अपील

भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों को लेकर मिश्रा ने वीजा प्रतिबंधों को आसान बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के लोग मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं। पाकिस्तानी हिंदू मेरे नेतृत्व में भारत की चारधाम यात्रा करना चाहते हैं, जबकि भारतीय हिंदू पाकिस्तान के प्राचीन धार्मिक स्थलों, जैसे पेशावर में गोरखनाथ मंदिर, चिट्टी हट्टी में शिव मंदिर, कराची में पंचमुखी हनुमान मंदिर और इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं।’’

इस तरह, राम नाथ मिश्रा के बयान से हिंदू मंदिरों की सुरक्षा और भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संदेश जाता है।