
अगर आप अपनी गाड़ी से नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे पर सफर करते हैं, तो जल्द ही आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी आ सकती है। केंद्र सरकार टोल टैक्स को लेकर दो बड़े प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रही है, जिससे लाखों यात्रियों को बड़ी राहत मिल सकती है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने इन प्रस्तावों को हरी झंडी दिखा दी है और अब यह वित्त मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
दो प्रस्ताव, एक बड़ी राहत
सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से सामने आए दो प्रस्ताव इस प्रकार हैं:
- ढाई लेन और संकरे नेशनल हाईवे होंगे टोल फ्री
जिन सड़कों पर ट्रैफिक कम है या सड़कें संकरी हैं, जैसे कि दो लेन या ढाई लेन के नेशनल हाईवे—उन्हें पूरी तरह से टोल फ्री करने का प्रस्ताव है। मंत्रालय का मानना है कि इन सड़कों से होने वाली कमाई पहले से ही बेहद सीमित है, इसलिए इन्हें टोल मुक्त करने से सरकार को भारी नुकसान नहीं होगा। - प्राइवेट गाड़ियों के लिए सालाना पास
कार मालिकों के लिए साल भर के लिए सिर्फ ₹3000 में अनलिमिटेड ट्रैवल पास देने का प्लान तैयार है। यानी एक बार पास बनवा लिया, फिर जितनी बार चाहे हाईवे या एक्सप्रेसवे पर सफर करें, कोई अतिरिक्त टोल नहीं देना होगा। यह सिस्टम लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है, खासकर उनके लिए जो रोजाना या अक्सर लंबी दूरी तय करते हैं।
वित्त मंत्रालय के पाले में गेंद
हालांकि इन प्रस्तावों को सड़क परिवहन मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है, लेकिन अब अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय के पास है। चूंकि टोल टैक्स सरकार के लिए एक बड़ा राजस्व स्रोत है, इसलिए कोई भी बदलाव करने से पहले वित्त मंत्रालय को इसकी आर्थिक समीक्षा करनी होगी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में टोल टैक्स से कुल ₹61,000 करोड़ की आमदनी हुई, जिसमें निजी गाड़ियों की हिस्सेदारी करीब 20-21% थी।
गडकरी कई बार कर चुके हैं संकेत
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पहले भी इस तरह की योजनाओं के संकेत दिए थे। उन्होंने साफ कहा था कि अगर सरकार टोल में राहत देती है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ सड़कों पर टोल वसूलने का खर्च ही वसूली से ज्यादा होता है, इसलिए वहां से टोल हटाना बेहतर विकल्प हो सकता है।
सड़कें होंगी जनता के लिए, टोल नहीं बनेगा बोझ
भारत में अभी करीब 50 ऐसे टोल प्लाजा हैं, जो संकरे या दो लेन वाली सड़कों पर हैं। इनमें से ज्यादातर सड़कों का निर्माण सरकार ने अपने फंड से किया है, न कि किसी निजी एजेंसी के साथ समझौते में। इसलिए इन पर से टोल हटाने से सरकार को बहुत बड़ा झटका नहीं लगेगा।
नुकसान की भरपाई सरकार करेगी
अगर वार्षिक पास योजना लागू होती है तो सरकार को निजी गाड़ियों से होने वाली टोल कमाई में कुछ नुकसान जरूर होगा, लेकिन इसके लिए सरकार पहले से तैयार है। मंत्रालय का मानना है कि इस नुकसान की भरपाई वो अन्य तरीकों से कर सकती है और यात्रियों को राहत देकर सड़कों का उपयोग और बेहतर बनाया जा सकता है।