बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर से प्रगति यात्रा की शुरुआत की, जो 28 दिसंबर तक चलेगी। इस बीच, यात्रा के दूसरे चरण का भी ऐलान कर दिया गया है। कैबिनेट विभाग ने इसकी विस्तृत रूपरेखा जारी की है।
दूसरे चरण का कार्यक्रम
प्रगति यात्रा का दूसरा चरण 4 जनवरी 2025 से शुरू होगा और 13 जनवरी 2025 तक चलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री गोपालगंज, सीवान, सारण, दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर जिलों का दौरा करेंगे। वे इन जिलों में विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे और जनता को नई योजनाओं का तोहफा देंगे।
यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम:
- 4 जनवरी: गोपालगंज
- 5 और 6 जनवरी: कोई यात्रा नहीं
- 7 जनवरी: सीवान
- 8 जनवरी: सारण
- 11 जनवरी: दरभंगा
- 12 जनवरी: मधुबनी
- 13 जनवरी: समस्तीपुर
इस चरण की समाप्ति के बाद तीसरे चरण की घोषणा की संभावना जताई जा रही है।
विपक्ष का निशाना
नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर विपक्षी दलों ने तीखा हमला बोला है। आरजेडी और कांग्रेस ने इसे “फिजूलखर्ची” करार दिया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे प्रगति के बजाय “अलविदा यात्रा” बताया। उन्होंने कहा,
“यह जनता के पैसे की बर्बादी है। यह यात्रा सिर्फ दिखावा है और इसका उद्देश्य आगामी चुनावी माहौल तैयार करना है।”
आरजेडी का आरोप है कि यात्रा का कुल बजट 225 करोड़ रुपये है, जिसे सरकार जनता के विकास पर खर्च करने की बजाय प्रचार पर बर्बाद कर रही है।
लालू यादव का तंज
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा,
“पहले इसे महिला संवाद यात्रा का नाम दिया गया था। अब इसे प्रगति यात्रा का नाम दे दिया गया है। लेकिन यह कुछ और नहीं बल्कि जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है।”
लालू यादव ने तंज करते हुए कहा,
“नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने के लिए यात्रा कर रहे हैं। यह उनकी आंख सेकने वाली यात्रा है।”
एनडीए का पलटवार
नीतीश कुमार की यात्रा पर लालू यादव की टिप्पणी के बाद एनडीए नेताओं ने पलटवार किया। भाजपा और अन्य सहयोगी दलों ने लालू यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजद के नेता विकास में बाधा डालना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रगति यात्रा जनता से जुड़ने और विकास कार्यों की निगरानी का एक प्रयास है।
यात्रा का उद्देश्य
नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा का उद्देश्य है:
- विकास कार्यों की समीक्षा: सरकार द्वारा चल रही परियोजनाओं का मूल्यांकन।
- जनता से संवाद: उनकी समस्याओं और सुझावों को सुनना।
- नए प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन: विकास कार्यों को बढ़ावा देना।
नीतीश कुमार का कहना है कि प्रगति यात्रा बिहार को आगे बढ़ाने के लिए है और विपक्ष का विरोध आधारहीन है।
क्या यात्रा है चुनावी तैयारी का हिस्सा?
चुनावी माहौल के बीच इस यात्रा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष इसे चुनावी प्रचार का हिस्सा बता रहा है, जबकि सरकार का दावा है कि यह विकास कार्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
आने वाले दिनों में प्रगति यात्रा का दूसरा और तीसरा चरण इस बहस को और गर्म कर सकता है। जनता की प्रतिक्रिया और यात्रा के दौरान होने वाले निर्णय आगामी बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के भविष्य को तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।