Pregnancy period: गर्भावस्था के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान, रहेंगे स्वस्थ

इस दौरान महिलाओं में मूड स्विंग, थकान, अनिद्रा जैसी समस्याएं होना सामान्य बात है, क्योंकि इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल और शारीरिक बदलाव होते हैं। हालाँकि, अगर कुछ आसान टिप्स को ध्यान में रखा जाए तो गर्भावस्था के इन 9 महीनों को बेहद खुशहाल बनाया जा सकता है और हर पल का आनंद लिया जा सकता है।
अगर गर्भावस्था के दौरान कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो आप इन नौ महीनों के दौरान स्वस्थ और खुश रह सकती हैं। यह डिलीवरी को आसान बनाने में भी मदद करता है। तो आइए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान थकान, अनिद्रा, मूड स्विंग जैसी समस्याओं से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
अगर गर्भावस्था के दौरान कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो आप इन नौ महीनों के दौरान स्वस्थ और खुश रह सकती हैं। यह डिलीवरी को आसान बनाने में भी मदद करता है। तो आइए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान थकान, अनिद्रा, मूड स्विंग जैसी समस्याओं से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान पैरों में दर्द, पिंडलियों में परेशानी, थकान आदि से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। इसलिए चाय और कॉफी जैसे पेय पदार्थों से बचना जरूरी है। इन चीजों का बहुत अधिक सेवन करने से निर्जलीकरण हो सकता है, जिससे थकान, अनिद्रा, तनाव और पैरों और अन्य मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी के अलावा फलों का जूस और नारियल पानी का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान पैरों में दर्द, पिंडलियों में परेशानी, थकान आदि से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। इसलिए चाय और कॉफी जैसे पेय पदार्थों से बचना जरूरी है। इन चीजों का बहुत अधिक सेवन करने से निर्जलीकरण हो सकता है, जिससे थकान, अनिद्रा, तनाव और पैरों और अन्य मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी के अलावा फलों का जूस और नारियल पानी का सेवन करना चाहिए।
स्वस्थ गर्भावस्था और आसान प्रसव के लिए जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं खुद को सक्रिय रखें। इसके लिए रोजाना हल्के-फुल्के कामों के अलावा कुछ योगासन भी करने चाहिए। इससे मांसपेशियां लचीली और मजबूत होती हैं और ऊर्जा बनी रहती है, जिससे व्यक्ति को थकान महसूस नहीं होती है। कुछ प्राणायाम करने से मूड अच्छा होता है और अनिद्रा की समस्या से भी राहत मिलती है। गर्भावस्था के दौरान मलसाना, तितली आसन, भ्रामरी प्राणायाम, उज्जयी प्राणायाम आदि करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम बहुत फायदेमंद है।
स्वस्थ गर्भावस्था और आसान प्रसव के लिए जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं खुद को सक्रिय रखें। इसके लिए रोजाना हल्के-फुल्के कामों के अलावा कुछ योगासन भी करने चाहिए। इससे मांसपेशियां लचीली और मजबूत होती हैं और ऊर्जा बनी रहती है, जिससे व्यक्ति को थकान महसूस नहीं होती है। कुछ प्राणायाम करने से मूड अच्छा होता है और अनिद्रा की समस्या से भी राहत मिलती है। गर्भावस्था के दौरान मलसाना, तितली आसन, भ्रामरी प्राणायाम, उज्जयी प्राणायाम आदि करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम बहुत फायदेमंद है।
ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में अनिद्रा की शिकायत होती है। अच्छी नींद के लिए बाईं ओर करवट लेकर मुलायम तकिया लगाकर सोएं, इससे काफी आराम मिलता है। इसके साथ ही सोते समय पैरों के तलवों और पिंडलियों की मालिश करने से भी काफी आराम मिलता है।
ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में अनिद्रा की शिकायत होती है। अच्छी नींद के लिए बाईं ओर करवट लेकर मुलायम तकिया लगाकर सोएं, इससे काफी आराम मिलता है। इसके साथ ही सोते समय पैरों के तलवों और पिंडलियों की मालिश करने से भी काफी आराम मिलता है।
ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में अनिद्रा की शिकायत होती है। अच्छी नींद के लिए बाईं ओर करवट लेकर मुलायम तकिया लगाकर सोएं, इससे काफी आराम मिलता है। इसके साथ ही सोते समय पैरों के तलवों और पिंडलियों की मालिश करने से भी काफी आराम मिलता है।
ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में अनिद्रा की शिकायत होती है। अच्छी नींद के लिए बाईं ओर करवट लेकर मुलायम तकिया लगाकर सोएं, इससे काफी आराम मिलता है। इसके साथ ही सोते समय पैरों के तलवों और पिंडलियों की मालिश करने से भी काफी आराम मिलता है।