अयोध्या में प्रयागराज का असर! राम मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, देर रात तक खुला रहा मंदिर

Image 2025 02 22t172153.343

अयोध्या राम मंदिर: भव्य और दिव्य राम मंदिर में विराजमान रामलला का दर्शन अब पहले से दोगुने लोग कर रहे हैं। प्रयागराज महाकुंभ के विपरीत प्रवाह का ऐसा असर हुआ है कि न केवल मंदिर की निर्धारित दिनचर्या बल्कि दर्शन अवधि का भी पालन नहीं हो पा रहा है। श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण मंदिर को मध्य रात्रि 12 बजे के बाद भी खुला रखना पड़ता है। हालांकि श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ ही ट्रस्ट द्वारा दर्शन के लिए निर्धारित समय में भी बढ़ोतरी की गई है, लेकिन फिर भी यह समय 17 घंटे कम पड़ रहा है। पिछले कई दिनों से रामलला को प्रतिदिन 19 घंटे तक दर्शन मिल रहे हैं। 

मुलाक़ात का समय बढ़ाया गया

गुरुवार को भी मंदिर दोपहर 12:10 बजे बंद कर दिया गया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक अक्टूबर को नवरात्रि के पहले दिन से मंदिर की दिनचर्या की योजना बनाई थी और रामलला के दर्शन की अवधि तय की थी। तब से मंदिर के दरवाजे सुबह 7 बजे खुलते हैं और दोपहर 12:30 बजे से 1:30 बजे तक एक घंटे के लिए बंद रहते हैं। इसके बाद दोपहर 1:30 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन किए जा सकेंगे और शाम की आरती के बाद रात 9:30 बजे कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

 

भक्तों की संख्या अचानक बढ़ गई

मंदिर की पहली वर्षगांठ 11 जनवरी को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई गई और उसी दौरान प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हुआ, इसलिए 22 जनवरी से श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई। प्रतिदिन अप्रत्याशित संख्या में श्रद्धालुओं के आने से ट्रस्ट द्वारा निर्धारित दैनिक दिनचर्या बाधित हो गई और मंदिर को सुबह 5 बजे खोलना पड़ा।

मंदिर मध्य रात्रि 12 बजे बंद हो जाएगा।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक पखवाड़े में शायद ही कोई ऐसा दिन रहा हो जब मंदिर दोपहर 12 बजे से पहले बंद हुआ हो। मंदिर मध्य रात्रि तक खुला रहने के कारण दर्शन अवधि को बढ़ाकर 19 घंटे कर दिया गया है। 

 

आगंतुकों की संख्या के आधार पर सिद्धांत में परिवर्तन करना अनुचित है।

जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य ने कहा कि भक्तों की संख्या बढ़ने से सिद्धांत नहीं बदलते। हर मंदिर के अपने नियम और कायदे होते हैं। यदि राम मंदिर में विराजमान रामलला को बालक माना जाएगा तो उनकी सुख-सुविधाओं का भी ध्यान रखना होगा।