दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम महाकुंभ 2025 प्रयागराज में संपन्न हुआ। 45 दिनों तक चले इस कुंभ मेले में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ मेले में 3 विश्व रिकॉर्ड बने हैं। पहला रिकार्ड विश्व का पहला ऐसा कार्यक्रम बना जिसमें भक्तों की संख्या सबसे अधिक थी। दूसरा रिकॉर्ड स्वच्छता अभियान से है और तीसरा रिकॉर्ड हाथ से पेंटिंग से है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने प्रमाण पत्र सौंपे।
महाकुंभ 2025 के 3 विश्व रिकॉर्ड
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में स्वच्छता, चित्रकला और आस्था से जुड़े तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए गए हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रमाण पत्र सौंपे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया। प्रयागराज महाकुंभ के 45 दिनों में 66 करोड़ 38 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। औसतन प्रतिदिन 1.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचे। इस दौरान 70 से अधिक देशों से लगभग पांच लाख विदेशी श्रद्धालु भी पहुंचे। महाकुंभ में भाग लेने वाले लोगों की संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या से दोगुनी तथा 193 देशों की संयुक्त जनसंख्या से भी अधिक है। यह विश्व का पहला ऐसा आयोजन है जिसमें इतनी बड़ी भीड़ जुटी है।
स्वच्छता
महाकुंभ ने न केवल श्रद्धालुओं की संख्या का रिकॉर्ड बनाया, बल्कि स्वच्छता का भी विश्व रिकॉर्ड बनाया। महाकुंभ मेला क्षेत्र के 4 जोन में 19,000 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए, जिन्होंने दिन-रात सफाई कर मिसाल कायम की।
कला
आस्था और स्वच्छता के अलावा महाकुंभ में कलात्मकता का भी विश्व रिकार्ड कायम हुआ है। यहां 12,102 कलाकारों ने एक साथ पेंटिंग बनाकर नया रिकॉर्ड बनाया है। वर्तमान में रिकॉर्ड 7 हजार 660 कलाकारों को एक साथ चित्र बनाने थे। प्रयागराज महाकुंभ में आए कलाकारों ने इसे तोड़ा।
सफाई कर्मचारियों को उपहार मिले
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ प्रयागराज पहुंचे और इस उपलब्धि का जश्न मनाया। इस दौरान उन्होंने संगम तट पर गंगा आरती और पूजा-अर्चना की। उन्होंने फर्श पर झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत करके और निस्वार्थ भाव से श्रद्धालुओं की सेवा करके स्वस्थ महाकुंभ के सपने को साकार किया है। मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मचारियों को उनके समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित किया तथा उनके साथ दोपहर का भोजन भी किया। साथ ही उन्हें बोनस देने और वेतन बढ़ाने का आश्वासन भी दिया गया।