Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025: IRCTC ने नई ‘भारत गौरव ट्रेन’ का किया ऐलान, तीर्थयात्रियों के लिए विशेष सुविधा

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ मेला के लिए भारतीय रेलवे ने खास पहल की है। तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने पुणे से प्रयागराज तक चलने वाली एक विशेष ‘भारत गौरव ट्रेन’ की शुरुआत की है।

यह ट्रेन 15 जनवरी से 23 फरवरी 2025 तक संचालित होगी और यात्रियों को महाकुंभ में भाग लेने के लिए आसान और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।

‘भारत गौरव ट्रेन’ और IRCTC का विशेष पैकेज

देखो अपना देश कार्यक्रम का हिस्सा

इस पहल को केंद्र सरकार के ‘देखो अपना देश’ कार्यक्रम के तहत शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देना है।

  • अब तक, इस कार्यक्रम के अंतर्गत 86 ट्रेन सेवाओं की सुविधा दी जा चुकी है।
  • ‘भारत गौरव ट्रेन’ यात्रियों को यात्रा, भोजन, और आवास जैसी सभी सुविधाएं प्रदान करती है।

विशेष रूट और स्टॉप्स

  • ट्रेन में 14 कोच होंगे, जिसमें लगभग 750 यात्री यात्रा कर सकते हैं।
  • प्रमुख स्टॉप: वाराणसी, प्रयागराज, और अयोध्या।
  • बोर्डिंग स्टेशन:
    • पुणे, लोनावाला, कर्जत, पनवेल, कल्याण, नासिक, मनमाड, चालीसगांव, जलगांव, और भुसावल।

टिकट की कीमत और सुविधाएं

क्लास टिकट की कीमत (₹)
इकोनॉमी क्लास (स्लीपर) ₹22,940
स्टैंडर्ड क्लास (3AC) ₹32,440
कम्फर्ट क्लास (2AC) ₹40,130

इस व्यापक पैकेज में:

  • यात्रा की सुविधा।
  • भोजन और आवास शामिल है।

महाकुंभ मेला 2025: महत्वपूर्ण जानकारी

महाकुंभ मेला की परंपरा

महाकुंभ मेला हर 12 साल में आयोजित किया जाता है।

  • पिछला महाकुंभ: 2013।
  • अर्धकुंभ: 2019।
  • अगला महाकुंभ: 2025।

तिथियां और शुभ योग

  • आयोजन: 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025।
  • मुख्य स्नान दिवस: 29 जनवरी 2025 (सिद्धि योग)।

महाकुंभ का महत्व और आयोजन की भव्यता

महाकुंभ मेला सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे बड़ा धार्मिक पर्व है।

  • इस पवित्र आयोजन में दुनियाभर से साधु-संत और भक्त भाग लेते हैं।
  • प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर स्नान करना धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बेहद शुभ माना जाता है।

महासंगम का आकर्षण

महाकुंभ के दौरान ऐसा लगता है जैसे पूरी दुनिया एक स्थान पर एकत्र हो गई हो।

  • श्रद्धालु इस महासंगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए आतुर रहते हैं।
  • भक्ति, साधना, और आध्यात्मिकता का यह अद्भुत संगम सनातन धर्म की गहराई और व्यापकता को दर्शाता है।