नई दिल्ली, 15 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय (एमएनआरई) ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शुक्रवार को घोषणा की कि 2030 तक 500 गीगावॉट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विद्युत मंत्रालय के सहयोग से उनका मंत्रालय हितधारकों के साथ एक समर्पित टास्क फोर्स बनाएगा।
ओडिशा के भुवनेश्वर में एमएनआरई की ओर से आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री ने अगले छह वर्षों में 288 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे सहित 42 लाख करोड़ रुपये के पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होगी। आरई क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों को हल करने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित “पंचामृत” लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के 2030 के लक्ष्य पर जोर दिया गया। मंत्री ने यह भी कहा कि एमएनआरई नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और समाधानों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए सुनिश्चित प्रगति के साथ आरई क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए हैकथॉन का आयोजन करेगा। विद्युत मंत्रालय के समन्वय से अनुसंधान एवं विकास में उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।