नरेंद्र मोदी सरकार की कई योजनाओं का लाभ देश के अलग-अलग वर्गों को मिल रहा है। ऐसी ही एक प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0), जो शहरी गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। हाल ही में, केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (CSMC) की बैठक में इस योजना के तहत 3.53 लाख से अधिक नए घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।
किन राज्यों को मिली मंजूरी?
PMAY-U 2.0 के तहत 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 3,52,915 आवास इकाइयों को स्वीकृति दी गई है। इन राज्यों में शामिल हैं:
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आंध्र प्रदेश
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अरुणाचल प्रदेश
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बिहार
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हरियाणा
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जम्मू-कश्मीर
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ओडिशा
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पुडुचेरी
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राजस्थान
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तेलंगाना
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उत्तर प्रदेश
महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय को मिला लाभ
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2.67 लाख से अधिक घर महिलाओं के नाम पर स्वीकृत हुए, जिनमें एकल महिलाएं और विधवाएं शामिल हैं।
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90 घर ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आरक्षित किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की अतिरिक्त सहायता
उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है:
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70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को ₹30,000 की सहायता मिलेगी।
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40 वर्ष से अधिक अविवाहित महिलाओं, विधवाओं और अलग रह रही महिलाओं को ₹20,000 की अतिरिक्त राशि प्रदान की जाएगी।
चार वर्टिकल के जरिए लागू की जा रही योजना
PMAY-U 2.0 को चार अलग-अलग माध्यमों से लागू किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके:
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लाभार्थी आधारित निर्माण (BLC) – यदि किसी के पास खुद की जमीन है, तो सरकार घर बनाने के लिए अनुदान देती है।
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भागीदारी में किफायती आवास (AHP) – सरकार और निजी कंपनियां मिलकर किफायती दरों पर घर बनाती हैं।
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किफायती किराया आवास (ARH) – प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए किफायती किराए पर घर उपलब्ध कराए जाते हैं।
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ब्याज सब्सिडी योजना (ISS) – होम लोन पर ब्याज में सब्सिडी दी जाती है, जिससे ईएमआई कम होती है।
₹2.50 लाख की केंद्रीय सहायता, कौन-कौन उठा सकता है लाभ?
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इस योजना के तहत ₹10 लाख करोड़ के कुल निवेश के साथ ₹2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता दी जा रही है।
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EWS (अत्यंत कमजोर वर्ग), LIG (निम्न आय वर्ग) और MIG (मध्यम आय वर्ग) के परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
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वे परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है, वे घर खरीदने या बनाने के लिए पात्र हैं।
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प्रत्येक लाभार्थी को ₹2.50 लाख की केंद्रीय सहायता दी जाती है।