पीपीआई कार्ड धारक: अब आप थर्ड पार्टी UPI ऐप्स के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं, विवरण यहां

PPI कार्ड धारक: भारतीय रिजर्व बैंक PPI (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स) कार्ड धारकों को एक नई सुविधा देने की तैयारी कर रहा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक खाताधारकों की तरह थर्ड पार्टी यूपीआई ऐप के जरिए यूपीआई भुगतान करने की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में, पीपीआई के माध्यम से यूपीआई भुगतान केवल पीपीआई कार्ड जारीकर्ता द्वारा प्रदान की गई वेबसाइट या मोबाइल ऐप का उपयोग करके किया जा सकता है।

क्या फायदा होगा

शक्तिकांत दास ने कहा कि इससे पीपीआई कार्डधारकों को बैंक खाताधारकों की तरह यूपीआई भुगतान करने में मदद मिलेगी. इससे ग्राहकों के लिए चीजें आसान हो जाएंगी और छोटी राशि के लेनदेन के लिए डिजिटल चैनलों को बढ़ावा मिलेगा।

कैश डिपॉजिट पर ये फैसला

रिजर्व बैंक जल्द ही यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए कैश डिपॉजिट मशीनों में पैसे जमा करने की सुविधा उपलब्ध कराएगा। वर्तमान समय में डेबिट कार्ड का उपयोग मुख्य रूप से नकद जमा मशीनों में पैसे जमा करने के लिए किया जाता है।

आपको बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश की. आइए जानते हैं इसकी मुख्य बातें.

रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार.

  • 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान सात फीसदी पर बरकरार है. यह 2023-24 के 7.6 फीसदी के अनुमान से कम है.
  • चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. यह 2023-24 के अनुमान 5.4 फीसदी से कम है.
  • ग्रामीण मांग बढ़ने से 2024-25 में खपत से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड ट्रेडिंग की अनुमति
  • सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी की सुविधा के लिए एक मोबाइल ऐप पेश किया जाएगा।
  • गैर-बैंक भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को सीबीडीसी (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) वॉलेट की पेशकश करने की अनुमति दी गई है
  • 2023-24 के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का शुद्ध प्रवाह 41.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। यह 2014-15 के बाद दूसरा सबसे बड़ा एफपीआई प्रवाह है।
  • भारत दुनिया में रेमिटेंस या धन प्रेषण प्राप्त करने में सबसे आगे है। 2024-25 में चालू खाता घाटा उस स्तर पर रहेगा जो व्यवहार्य और बेहद प्रबंधनीय है।
  • 2023-24 में भारतीय रुपया अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं के मुकाबले एक दायरे में रहा।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में प्रमुख मुद्राओं में रुपया सबसे स्थिर रहा।