निवेश में जोखिम पसंद नहीं करने वाले परंपरागत निवेशकों के लिए कई योजनाएं हैं जो गारंटीड रिटर्न देती हैं और उनकी निवेश राशि भी सुरक्षित रहती है। पोस्ट ऑफिस की ऐसी ही एक खास लघु बचत योजना है राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (आठवां अंक) जो आपको गारंटीड रिटर्न देती है। आपका पैसा सुरक्षित भी रहता है, क्योंकि इस योजना को भारत सरकार से सीधा समर्थन मिलता है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र यानी एनएससी में पांच साल के लिए निवेश किया जाता है। बेहतर रिटर्न के साथ-साथ इसमें आपको टैक्स छूट का भी लाभ मिलता है। यह योजना इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें यह सुविधा है कि आप खाते को किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर कर सकते हैं। आइए इस बचत योजना पर चर्चा करते हैं।
डाकघर राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र योजना
इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कोई भी वयस्क व्यक्ति खाता खोल सकता है। इसके अलावा, तीन वयस्क मिलकर भी NSC खाता खोल सकते हैं। नाबालिग की ओर से कोई अभिभावक भी यह खाता खोल सकता है। एक और खास बात, अगर नाबालिग की उम्र 10 साल से ज़्यादा है, तो वह अपने नाम से भी खाता खोल सकता है।
ऐसे समझें रिटर्न
आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (आठवां अंक) पर फिलहाल 7.7 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है। यह दर सालाना चक्रवृद्धि होती है लेकिन मैच्योरिटी पर देय होती है। इसमें मिलने वाले रिटर्न को समझना हो तो इसे ऐसे समझें कि अगर आप आज इस स्कीम में 10,000 रुपये निवेश करते हैं तो मैच्योरिटी पर यानी पांच साल बाद आपको कुल 14,490 रुपये मिलेंगे। यानी पांच साल बाद आपको रिटर्न राशि के तौर पर 4,490 रुपये मिलेंगे। यहां जान लें कि पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर भारत सरकार द्वारा तिमाही समीक्षा के आधार पर तय की जाती है।
एनएससी में आप कितना निवेश कर सकते हैं?
कोई भी निवेशक न्यूनतम 1000 रुपये से नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश शुरू कर सकता है। इसके अलावा आप 100 रुपये के गुणकों में कोई भी रकम निवेश कर सकते हैं। आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। NSC में निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट भी मिलती है।
यदि आप परिपक्वता से पहले योजना से बाहर निकलना चाहते हैं तो…
नियमों के मुताबिक, पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम अकाउंट को सामान्य तौर पर मैच्योरिटी से पहले बंद नहीं किया जा सकता है। इसे सिर्फ खास परिस्थितियों में ही बंद किया जा सकता है। जैसे, मान लीजिए NSC अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है या तीन लोगों के ज्वाइंट अकाउंट होल्डर में से किसी एक की मौत हो जाती है तो अकाउंट बंद किया जा सकता है। इसके अलावा, अगर कोर्ट का कोई खास आदेश है या अकाउंट किसी अथॉरिटी के पास गिरवी है तो भी NSC अकाउंट बंद किया जा सकता है।